लगातार हो रही बारिश ने उत्तराखंड में मचाई आफत, 160 से ज्यादा रास्ते बंद
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने आफत मचा रखी है। तेज बारिश के चलते भूस्खलन से सड़कें ध्वस्त हो रही हैं। ऐसे में प्रदेशभर में 160 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। टनकपुर-चंपावत-पिथौरागढ़ हाईवे पर सुयाला के पास किलोमीटर नंबर 102 से 106 के बीच हो रहे भूस्खलन से सुयाला में रातभर कई गाडियां फंसी रहीं। अब भी पहाड़ी से गिर रहे पत्थर और मलबे का सिलसिला जारी है। लगभग 50 लोगों ने पूरी रात यहां जंगल में फंसकर गुजारी है। इन फंसे लोगों के मैसेज और इनके मित्र और परिजनों के किए फोन के बाद चंपावत के एसडीएम अनिल गर्बियाल एसडीआरएफ और राजस्व अधिकारियों के साथ सुयाला में जमे हुए हैं ताकि इस मार्ग को खुलवाकर रात से फंसे पड़े यात्रियों को सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।
लेकिन अनिल गर्बियाल ने बताया कि लगातार मलबे के साथ पहाड़ी से इस 4 किलोमीटर के हिस्से में जो पहाड़ी भरभराकर गिर रही है, उससे यहां रोड खुलवाने के लिए मजदूरों और एसडीआरएफ के जवानों को काम में लगाना जोखिमपूर्ण है। इस कारण मौसम के कुछ शांत होने का इंतजार किया जा रहा है। एसडीएम अनिल गर्बियाल के अनुसार पहाड़ी क्षेत्र में बारिश पूरे उफान पर होने से स्थिति दिन-प्रतिदिन भयावह हो रही है। सड़क के नीचे बह रही नदी भी पूरे उफान पर आने से कहीं रोड की तलहटी को नुकसान पहुंचाकर ढहाने का काम न कर दे, इसका भी डर बना हुआ है।
चंपावत जिले में तो बारिश से आफत मची हुई है। इस जिले में ट्रक और कार भी बारिश में बहकर नाले में जा गिरे हैं। लोगों के त्वरित प्रयासों से सभी सवारों को बमुश्किल बचाया जा सका। मंगलवार को हुई बारिश से दोपहर 2 बजे करीब चंपावत जिले में बनलेख के पास हुई मूसलधार बारिश से सड़क पर खड़ी एक कार और ट्रक मलबे में बह गए। कार में चालक सहित 5 यात्री बैठे थे। सभी यात्रियों को पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से सकुशल बाहर निकाला गया। इस घटना में कार सवार एक महिला को मामूली चोटें आईं। सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। उधर बनबसा में शारदा नदी का जलस्तर 1 लाख क्यूसेक के पार होने पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने बैराज पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। टनकपुर में भी बैराज के गेट खोल दिए गए हैं।
चंपावत जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में कई जगह जलभराव हो गया। इधर मलबा आने से जिले की 8 ग्रामीण सड़कें पूरी तरह बंद हो गई हैं तो 1 दर्जन सड़कों पर आंशिक मलबा गिरने से बड़े वाहनों का संचालन ठप हो गया है। मंगलवार की सुबह हनुमानगढ़ी, विष्णुपुरी कॉलोनी, आमबाग, बिचई आदि स्थानों पर कई घरों में पानी घुस गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनलेख, स्वाला, अमोड़ी, झालाकुड़ी बैंड, अमरूबैंड, आठवां मील आदि स्थानों पर मलबा आने से एनएच बंद हैं। उधर पुलिस ने चंपावत की ओर आने वाले वाहनों को ककराली गेट पर रोक दिया है। पूर्णागिरि मार्ग 3 दिन से अभी तक नहीं खुल पाया है जबकि सोमवार को बंद अमोड़ी-छतकोट, ठुलीगाड़-भैरव मंदिर, छिनकाछीना-थुवामौनी सड़क अभी भी बंद हैं जबकि मौसम विभाग ने आज और कल 2 दिन उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
अब तक पूरे प्रदेश में करीब 160 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग पर भी बार-बार भूस्खलन हो रहा है। बरसाती नदियां अब भी उफान पर हैं। पिछले हफ्ते के शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण सड़कें बाधित होने से 600 से ज्यादा गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। लोक निर्माण विभाग की टीम सड़कों से मलबा हटाने में जुटी है। सड़कों पर भूस्खलन की सर्वाधिक मार चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले में पड़ी है। चमोली जिले में 46, रुद्रप्रयाग में 32 और पौड़ी जिले में 30 संपर्क मार्ग बंद हैं।