हिन्दी पर सियासी घमासान, विपक्ष को नहीं सुहाया अमित शाह का हिन्दी पर दिया गया सुझाव
हैदराबाद। हिन्दी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री के टी रामा राव ने शनिवार को कहा कि 'भाषा संबंधी अंधभक्ति और आधिपत्य' से देश में इसके विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक आकांक्षाओं वाले देश के युवाओं पर हिन्दी थोपना बड़ा नुकसानदेह साबित होगा।
रामा राव ने 'स्टॉपहिन्दीइम्पोजिशन' हैशटेग के साथ ट्वीट किया, ' प्रिय अमित शाह जी विविधता में एकता ही हमारी शक्ति है। भारत, राज्यों का एक संघ और सच्चा वसुधैव कुटुम्बकम है। हम क्यों अपने महान देश के लोगों को यह फैसला नहीं करने दें कि वह क्या खाएं, क्या पहनें, किसकी पूजा करें और कौन सी भाषा बोलें।'
उन्होंने कहा, ' मैं सबसे पहले एक भारतीय हूं, उसके बाद एक गर्वित तेलुगु और तेलंगानावासी हूं। मैं अपनी मातृभाषा तेलुगु, अंग्रेजी, हिन्दी और थोड़ा बहुत उर्दू भी बोल सकता हूं। हिन्दी थोपना और अंग्रेजी का अनादर करना देश के ऐसे युवाओं के लिये नुकसानदेह साबित होगा, जिनकी वैश्विक आकांक्षाएं हैं।'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा था कि हिन्दी को स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, शाह ने यहां संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और यह निश्चित तौर पर हिन्दी के महत्व को बढ़ाएगा।