मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Dera Sachcha Sauda Rajasthan election
Written By
Last Modified: सिरसा , गुरुवार, 29 नवंबर 2018 (18:54 IST)

राजस्थान चुनाव, डेरा सच्चा सौदा ने शुरू की 'राजनीतिक सौदेबाजी'

राजस्थान चुनाव, डेरा सच्चा सौदा ने शुरू की 'राजनीतिक सौदेबाजी' - Dera Sachcha Sauda Rajasthan election
सिरसा। हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा ने पड़ोसी प्रांत राजस्थान में अगले माह 7 तारीख को आसन्न विधानसभा चुनाव में किसी दल या प्रत्याशी को समर्थन की एवज में डेरा के बंद पड़े व्यवसाय को चालू करवाने में मदद की शर्त रखी है।
 
सूत्रों के अनुसार डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के साध्वी यौन शोषण प्रकरण में जेल में होने के कारण इस बार सब कुछ पर्दे के पीछे चल रहा है।
 
राजस्थान में राज्य स्तर पर डेरा का समर्थन पाने के लिए दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस व भाजपा के हरियाणा से जुड़े नेता डेरा की सियासी विंग से साठगांठ के प्रयास में हैं। हालांकि इस बार हर वर्ष की भांति उम्मीदवारों का समर्थन व आर्शीवाद के लिए सिरसा डेरा मुख्यालय में जमावड़ा नहीं लगा मगर प्रत्याशियों व डेरा की सियासी विंग में भीतरखाने खिचड़ी पक रही है।
 
डेरा प्रमुख गुरमीत का पैतृक गांव मोडिया गुरुसर श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। इसके अलावा सिरसा डेरा सच्चा सौदा की श्रीगंगानगर के ही बुधरवाली व कोलायत में भी शाखाएं हैं। भले ही इन शाखाओं में पहले सी चहल-चहल व सत्संगों का बड़े स्तर पर आयोजन नहीं हो रहा मगर डेरा संस्थापक शाह मस्ताना जी, शाह सतनाम व डेरा प्रमुख के जन्मोत्सव के अलावा डेरा का स्थापना दिवस अब भी मनाया जाता है। इन आयोजनों में डेरा प्रमुख के प्रवचनों को वीडियो के माध्यम से सुनाकर लंगर वितरित किया जाता है। 
  
डेरा के राजस्थान में काफी बड़ी तादाद में अनुयायी होने का दावा है। डेरा बीकानेर संभाग के हर विधानसभा क्षेत्र में 25 से 40 हजार मतदाताओं का दावा ठोंक रहा है। 
 
डेरा मुख्यालय में पड़ोसी प्रांत में चुनाव की तिथि घोषित होने के साथ ही अंदरखाने खिचड़ी पकनी आरम्भ हो गई थी। डेरा ने बकायदा इन गतिविधियों के लिए अपनी एक सियासी विंग गठित की हुई है। हालांकि इस विंग के कई पदाधिकारी डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के दौरान पंचकुला, सिरसा सहित कई स्थलों पर भड़की हिंसा व आगजनी के आरोपों में विभिन्न जेलों में भी बंद है। विंग ने अब विधानसभावार अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू की है। 
 
सूत्रों के अनुसार इस बार उसका समर्थन सशर्त होगा। शर्तों में डेरा के बंद पड़े व्यावसायों को शुरू करवाने में मदद के साथ डेरा प्रमुख की रिहाई के लिए कोशिशों में मदद करने का आश्वासन भी राजनीतिक दलों से मांगा जा रहा है, लेकिन यहां यह भी स्पष्ट है कि डेरा प्रमुख का मामला कानूनी और पेचीदा है इसलिए खुलकर कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
  
इस बार डेरा पूर्व हर चुनाव की भांति उम्मीदवारों से नशा त्यागने, दहेज प्रथा त्यागने, सम्पूर्ण स्वच्छता जैसे सब मुद्दों पर शपथ-पत्र नहीं मांग रहा है। (वार्ता)