गुरुवार, 14 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. 900 crore spent in 3 years on the construction of Ram temple in Ayodhya
Written By संदीप श्रीवास्तव
Last Updated :अयोध्या , रविवार, 8 अक्टूबर 2023 (01:55 IST)

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण पर 3 साल में खर्च हुए 900 करोड़ रुपए, दान दे सकेंगे विदेशी भक्त

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण पर 3 साल में खर्च हुए 900 करोड़ रुपए, दान दे सकेंगे विदेशी भक्त - 900 crore spent in 3 years on the construction of Ram temple in Ayodhya
Ram temple in Ayodhya : श्रीराम जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट की बैठक आज अयोध्या स्थित मणिराम दास छावनी में संपन्न हुई। ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक की अध्यक्षता मणिराम दास छावनी के महंत व ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की। उन्होंने बताया कि बैठक में 18 बिंदुओं पर चर्चा हुई है। अब विदेशी भी चंदा सकेंगे। 
 
राम मंदिर के लिए विदेशी अब दान कर सकेंगे : चम्पत राय ने बताया कि अभी तक विदेशी मुद्रा से धन प्राप्त करने के लिए कोई भी प्रार्थना-पत्र भारत सरकार को नहीं दिया गया था। वैधानिक कारण थे किंतु अब हम उस नियम के अंतर्गत आ गए हैं। हमने सभी औपचारिकता पूरी कर ली है। विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का जो नियम होता है (फॉरेन कट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) एफसीआरए उसके अंतर्गत हमारा पंजीकरण कराया जाए जिसकी एप्लीकेशन ऑनलाइन कर दी गई है। 
 
राम मंदिर के 500 वर्षों के संघर्ष के इतिहास व 50 वर्षों के लीगल डॉक्टूमेंट हेतु अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम बनेगा। उन्होंने बताया कि अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय राम कथा संग्रहालय जिसे हमने सरकार से मांग की है कि हमें दे दे, हम उसका संचालन करेंगे क्योंकि ट्रस्ट को भी एक म्यूजियम बनाना है ताकि उसमे राम मंदिर के 500 वर्षों का इतिहास व 50 वर्षों का लीगल डॉक्टूमेंट रखे जा सकें। उन्होंने कहा कि अगर यही म्यूजियम हम 70 एकड़ के अंदर बनाते हैं तो सुरक्षा कारणों से जनता उसे देख नहीं सकेगी, इसीलिए यह संग्रहालय हम मांग रहे हैं जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 
अयोध्या दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न सेवाओं से युक्त सेवा केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि का जो संपर्क मार्ग है। उससे सटी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की एक जमीन है, जंहा पहले अयोध्या का पुराना बस अड्डा हुआ करता था जो की खाली पड़ी थी जो कि हमें अधिकृत रूप से प्राप्त हो गई है जिसका उपयोग राम जन्मभूमि दर्शन करने आने वाले दर्शनर्थियों की सम्पूर्ण सुविधा हेतु विभिन्न प्रकार के सेवा केंद्र खोलने हेतु किया जाएगा। 
 
अभी तक 900 करोड़ रुपय खर्च हो चुके : चम्पत राय ने बताया की 5 फरवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 तक में राम मंदिर निर्माण व अन्य खर्चों में 900 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और हमारे (ट्रस्ट के खाते) में तीन हजार करोड़ रुपए सेविंग या फिक्स डिपॉजिट के रूप में है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में हमने सोचा था की काम इतने दिन में  हो जायगा लेकिन हमें पत्थरो के काम का कोई अनुभव नहीं था। 
 
तीन चरणों में होगा निर्माण : उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण तीन चरण मे पूरा होगा प्रथम चरण जनवरी 2024 में ग्राउंड फ्लोर प्राण-प्रतिष्ठा, दूसरा चरण 2024 का अंतिम और तीसरा चरण 2025 का अंतिम कहा कि हम ऐसा आंकलन कर रहे हैं कि आगामी 2 वर्षों में सारे काम पूर्ण हो जाएंगे। 
 
अक्षत पूजन होगा : उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के पहले अक्षत पूजन होगा।  इसके उपरांत उस पूजीत चावल को सम्पूर्ण भारत में एक व्यवस्था के तहत पांच लाख गांवों तक वितरित किया जाएगा। 
 
सम्पूर्ण भारतवासी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन दीपक जलाए। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण भारतवासियों से निवेदन किया जाएगा  कि प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सूर्य अस्त के उपरांत अपने घरों के बाहर पांच दीपक जलाए।
 
प्रसाद के साथ फोटो : प्राण-प्रतिष्ठा का विग्रह की फोटो भक्तों को प्रसाद के साथ दिया जाएगा। उन्होंने कहा की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन उनका जो भी विग्रह होगा। उसका फोटो लिया जाएगा। इसे छपवाकर अयोध्या आने वाले प्रत्येक दर्शनार्थी को प्रसाद के साथ दिया जाएगा ताकि 1-2 वर्षों में ही भारत के करोड़ों परिवारों के घर पहुंच जाए।

चम्पत राय ने कहा कि 15 जनवरी मकर संक्रांति से फ़रवरी के अंत तक अगर 50 लाख लोग आए तो हमारी कुछ नैतिक जिम्मेदारी होंगी कि उनकी सुविधा के लिए शौचालय, रहने की सुविधा खाने के लिए लंगर की व्यवस्था भी करनी होगी।

इसकी तैयारी भी हम कर रहे हैं। बैठक में अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, प्रयागराज के वासुदेवानंद सरस्वती जी, कर्नाटक के जगतगुरु माधवाचार्य विश्व प्रश्न तीर्थजी, पूना के गोविन्द देव गिरी जी, निर्मोही अखाडा के महंत दिनेन्द्र दास, साथ ही ट्रस्ट के सदस्य मे पांच संत उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट्री विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ. अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल पटना, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा, अयोध्या जिलाधिकारी नीतीश कुमार भी बैठक में मौजूद थे।