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Last Modified: गुरुवार, 18 जनवरी 2024 (15:02 IST)

Ram Mandir Ayodhya : श्रीराम 12 कला और 16 गुणों से संपन्न थे, जानिए संपूर्ण जानकारी

आखिर कौन से 16 गुण और 12 कलाएं थे प्रभु श्री राम के पास

Ram Mandir Ayodhya : श्रीराम 12 कला और 16 गुणों से संपन्न थे, जानिए संपूर्ण जानकारी - Ram ke 16 gun and 12 Kala
Bhagwan ram ke 14 kala and 16 gun: भगवान श्री राम भारत की आत्मा हैं। 500 वर्ष के बाद भगवान श्रीराम का अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार है। रामजी का कथाएं और उनके गुण चरित्रों का इस समय सभी ओर गुणगान किया जा रहा है। इसी संदर्भ में जानिए कि राम जी कौनसी 14 कला और कौनसे 16 गुणों से संपन्न थे।
 
श्रीराम हैं 12 कलाओं से युक्त : 16 कलाओं से युक्त व्यक्ति ईश्‍वरतुल्य होता है या कहें कि स्वयं ईश्वर ही होता है। पत्‍थर और पेड़ 1 से 2 कला के प्राणी हैं। पशु और पक्षी में 2 से 4 कलाएं होती हैं। साधारण मानव में 5 कला और संस्कृति युक्त समाज वाले मानव में 6 कला होती है।
 
इसी प्रकार विशिष्ठ पुरुष में 7 और ऋषियों या महापुरुषों में 8 कला होती है। 9 कलाओं से युक्त सप्तर्षिगण, मनु, देवता, प्रजापति, लोकपाल आदि होते हैं। इसके बाद 10 और 10 से अधिक कलाओं की अभिव्यक्ति केवल भगवान के अवतारों में ही अभिव्यक्त होती है। जैसे वराह, नृसिंह, कूर्म, मत्स्य और वामन अवतार। उनको आवेशावतार भी कहते हैं। उनमें प्राय: 10 से 11 कलाओं का आविर्भाव होता है। परशुराम को भी भगवान का आवेशावतार कहा गया है।
 
भगवान राम 12 कलाओं से तो भगवान श्रीकृष्ण सभी 16 कलाओं से युक्त हैं। यह चेतना का सर्वोच्च स्तर होता है। इसीलिए प्रभु श्रीराम को पुरुषों में उत्तम और भगवान और श्रीकृष्‍ण को जग के नाथ जगन्नाथ और जग के गुरु जगदगुरु कहते हैं। जग में सुंदर है दो नाम, चाहे कृष्‍ण कहो या राम।
Lord Rama
16 गुणों से युक्त श्री राम:-
1. गुणवान (योग्य और कुशल)
2. किसी की निंदा न करने वाला (प्रशंसक, सकारात्मक)
3. धर्मज्ञ (धर्म का ज्ञान रखने वाला)
4. कृतज्ञ (आभारी या आभार जताने वाला विनम्रता)
5. सत्य (सत्य बोलने वाला और सच्चा)
6. दृढ़प्रतिज्ञ (प्रतिज्ञा पर अटल रहने वाला, दृढ़ निश्‍चयी )
7. सदाचारी (धर्मात्मा, पुण्यात्मा और अच्छे आचरण वाला, आदर्श चरित्र)
8. सभी प्राणियों का रक्षक (सहयोगी)
9. विद्वान (बुद्धिमान और विवेक शील)
10. सामर्थशाली (सभी का विश्वास और समर्थन पाने वाला समर्थवान)
11. प्रियदर्शन (सुंदर मुख वाला)
12. मन पर अधिकार रखने वाला (जितेंद्रीय)
13. क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज)
14. कांतिमान (चमकदार शरीर वाला और अच्छा व्यक्तित्व)
15. वीर्यवान (स्वस्थ्य, संयमी और हष्ट-पुष्ट)
16. युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें : (वीर, साहसी, धनुर्धारि, असत्य का विरोधी)
 
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