रक्षा बंधन 2019 : गुरुवार के सबसे शुभ और श्रेष्ठ मुहूर्त में बांधें राखियां
भाई और बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 15 अगस्त गुरुवार को है। रक्षा बंधन के ठीक 4 दिन पहले देव गुरु बृहस्पति मार्गी हो रहे हैं। मार्गी गुरु पर्व की शुभता को और बढ़ाएंगे।
खास बात यह है कि रक्षा बंधन का त्योहार इस बार भद्रा के दोष से मुक्त रहेगा। बहनें सुबह से रात तक भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। श्रावणी पूर्णिमा पर सात 7 साल बाद पंचांग के पांच अंगों की श्रेष्ठ स्थिति भी बन रही है।
ज्योतिषियों के अनुसार पर्व के चार दिन पहले गुरु का मार्गी होना भी इसकी शुभता को और बढ़ाएगा। 15 अगस्त को गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण तथा मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
इस बार रक्षा बंधन का पर्व भद्रा के दोष से मुक्त है। गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र तथा सौभाग्य योग का संयोग कम ही बनता है। रक्षा बंधन के ठीक चार दिन पहले देव गुरु बृहस्पति मार्गी हो रहे हैं। मार्गी गुरु की साक्षी में इस प्रकार का पर्व काल शुभ माना गया है। इस दिन हयग्रीव जयंती भी है, साथ ही रात में 9.40 से पंचक की शुरुआत हो रही है। पूर्णिमा तिथि पर उत्तरार्ध के भाग में पंचक के नक्षत्र का रात्रि अनुक्रम त्योहार की शुभता को पांच गुना बढ़ा देता है। श्रावणी पूर्णिमा पर यजुर्वेदीय ब्राह्मणों का श्रावणी उपाकर्म भी होगा।
श्रवण नक्षत्र को उर्धमुख संज्ञक नक्षत्र कहा गया है। पूर्णिमा तिथि पर इस नक्षत्र में भवन की ऊपरी इमारत के निर्माण की शुरुआत तथा द्वितीय व तृतीय तल पर नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना अतिश्रेष्ठ माना गया है। आर्थिक प्रगति व स्थायी समृद्धि के लिए श्रावणी पूर्णिमा पर इनकी शुरुआत की जा सकती है।
भगवान श्रवण का पूजन करें
रक्षा बंधन पर सुबह श्रवण नक्षत्र की साक्षी रहेगी। इस दिन भगवान श्रवण के पूजन का विशेष महत्व है। श्रवण नक्षत्र में भगवान श्रवण का पूजन विशेष फलदायी माना गया है।
रक्षा बंधन की तिथि 15 अगस्त 2019
रक्षा बंधन का शुभू मुहूर्त
रक्षा बंधन अनुष्ठान का समय- सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शाम 5 बजकर 58 मिनट
अपराह्न मुहूर्त- दिन में 1 बजकर 43 मिनट से शाम 4 बजकर 20 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि आरंभ – दिन में 3 बजकर 45 से (14 अगस्त 2019) पूर्णिमा तिथि समाप्त- शाम 5 बजकर 58 तक (15 अगस्त 2019)