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शरद यादव : प्रोफाइल

शरद यादव : प्रोफाइल - Sharad Yadav's Profile
छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने वाले शरद यादव ने बिहार की राजनीति में भी बड़ा मुकाम हासिल किया है। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया है। 12 जनवरी 2023 को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हो गया। 
प्रारंभिक जीवन : शरद यादव का जन्‍म 1 जुलाई 1947 को मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्‍होंने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। वे इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में गोल्‍ड मेडलिस्‍ट हैं, साथ ही उन्‍होंने रॉबर्ट्सन मॉडल साइंस कॉलेज से स्‍नातक की डिग्री भी प्राप्‍त की है। वे बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार रहे। 
 
पारिवारिक पृष्‍ठभूमि : शरद यादव के परिवार में पत्‍नी डॉ. रेखा यादव, एक पुत्र और एक पुत्री है। 
 
राजनीतिक जीवन : शरद यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एचडी देवगौड़ा, गुरुदास दासगुप्‍ता, मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव के साथ की। 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर मध्यप्रदेश में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। छात्र राजनीति के साथ वे पढ़ाई में भी अव्वल रहे और बीई (सिविल) में गोल्ड मेडल जीता।
 
शरद यादव ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और मीसा के तहत 1969-1970, 1972 और 1975 में हिरासत में लिए गए। उन्‍होंने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने वाले कार्य में अहम भूमिका निभाई। पहली बार 1974 में वे मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। यह जेपी आंदोलन का समय था और वे हल्दर किसान के रूप में जेपी द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे।
 
1977 में भी वे इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे। उस वक्त वे युवा जनता दल के अध्यक्ष रहे। 1986 में वे राज्यसभा से सांसद चुने गए और 1989 में यूपी की बदाऊं लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर तीसरी बार संसद पहुंचे। वे 1989-1990 में टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री रहे। 
 
वे 1991 से 2014 तक बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद रहे। 1995 में उन्हें जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया और 1996 में वे पांचवीं बार लोकसभा का चुनाव जीते। 1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 1998 में उन्‍होंने जॉर्ज फर्नांडीस की मदद से जनता दल यूनाइटेड पार्टी बनाई, जिससे नीतीश कुमार जनता दल छोड़कर जुड़ गए।   
 
13 अक्टूबर 1999 को उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया और एक जुलाई 2001 को वे केंद्रीय श्रम मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री चुने गए। शरद यादव 2004 में राज्यसभा से दूसरी बार सांसद बने और गृह मंत्रालय के अलावा कई कमेटियों के सदस्य रहे। 2009 में वे 7वीं बार सांसद बने और उन्हें शहरी विकास समिति का अध्यक्ष बनाया गया। 
 
2012 में संसद में उनके बेहतरीन योगदान को देखते हुए 'उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार 2012' से नवाजा गया। लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार ने संसद के सभी सदस्‍यों की उपस्थिति में उन्‍हें यह पुरस्‍कार सौंपा। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें मधेपुरा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। 12 जनवरी 2023 को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हो गया।
Edited By : Chetan Gour 
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