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असदउद्दीन औवेसी : प्रोफाइल

असदउद्दीन औवेसी : प्रोफाइल - Asduddin Owaisi's profile
असदउद्दीन ओवैसी यूं तो अपने विवादस्पद बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं। असदउद्दीन ओवैसी ने भारत 'माता की जय' पर अपना एक विवादित बयान देकर बहस छेड़ दी थी। लेकिन अगर उनके संसदीय क्षेत्र की बात की जाए तो यहां उनकी छवि एक विकास करने वाले नेता की है। 

प्रारंभिक जीवन : असदउद्दीन औवेसी का जन्‍म 13 मई 1969 को हैदराबाद में हुआ। उनकी आरंभिक शिक्षा हैदराबाद पब्लिक स्कूल से हुई। 1984 से 1986 तक वे सेंट मैरी जूनियर कॉलेज में पढ़े। 1986-89 के दौरान उन्होंने निजाम कॉलेज से बीए किया। इसके बाद 1989-1994 में उन्होंने लंदन के लिंकन कॉलेज से बैरिस्टर की डिग्री हासिल की। 
 
पारिवारिक पृष्‍ठभूमि : उनकी शादी 1996 में फरहीन ओवैसी से हुई थी। उनकी पांच बेटियां और एक बेटा है। 
 
राजनीतिक जीवन : औवेसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुस्‍लिमीन पार्टी के सदस्‍य हैं। ओवैसी 1994 और 1999 में हैदराबाद की चार मीनार विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2004, 2009, 2014 में हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।
 
असदुद्दीन ओवैसी 2008 से ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष हैं। वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, नई दिल्ली के संस्थापक सदस्य हैं। असदुद्दीन को वर्ष 2005 में तेलंगाना के मेडक जिले में जिला अधिकारी को धमकी देने के आरोप में जेल भेजा गया था। 15वीं लोकसभा में उन्हें संसद रत्न अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।
 
1984 के बाद से हैदराबाद लोकसभा सीट पर एमआईएम का कब्जा है। उनसे पहले उनके पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी हैदराबाद से लगातार छह बार सांसद रह चुके हैं। तेलंगाना से बाहर निकलकर ओवैसी ने पार्टी को अन्य राज्यों में दाखिल करने की सफल कोशिश की है, जिसकी शुरुआत उन्होंने महाराष्ट्र में दो सीटें जीतने के साथ की।
 
ओवैसी अक्सर विवादित बयान देकर विवाद खड़ा कर देते हैं। हिन्‍दू धर्म पर टिप्पणी करने की वीडियो वायरल होने के बाद कुछ साल पहले उनकी जमकर आलोचना हुई थी। असदउद्दीन ओवैसी ने भारत 'माता की जय' पर बयान देकर बहस छेड़ दी थी। उन्होंने कहा था कि उनके गले पर छुरी भी रख दी जाए तो वे 'भारत माता की जय' नहीं बोलेंगे। 
 
ओवैसी यूं तो अपने विवादस्पद बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन अगर उनके संसदीय क्षेत्र की बात की जाए तो यहां उनकी छवि एक विकास करने वाले नेता की है। यही कारण है कि हैदाराबाद में उन्हें अवाम बेहद पसंद करती है।
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