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इंदौर ने मंगलवार, 3 मार्च 2020 को एक नया इतिहास तब रच डाला, जब पितरेश्वर हनुमान धाम के 'नगर भोज' में 10 लाख लोगों ने महाप्रसादी ग्रहण की।
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अपराह्न 4 बजे से नगर भोज प्रारंभ हुआ, जो देर रात तक जारी रहा। यहां तक कि रात में जब 10 लाख लोगों के लिए बनाई गई सब्जी खत्म हो गई, तब सेंव की सब्जी बनाकर पूर्ति की गई।
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पितरेश्वर हनुमान धाम में अष्ट धातु की 108 टन वजनी दुनिया की सबसे बड़ी हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा और अनुष्ठान का जो सिलसिला 14 फरवरी से प्रारंभ हुआ था, वह मंगलवार 3 मार्च को नगर भोज के साथ ही संपन्न हो गया।
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इस नगर भोज में सड़क के एक तरफ बैठकर लोग अनुशासन के साथ महाप्रसादी को ग्रहण कर रहे थे।
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सबसे बड़ी बात यह थी कि 10 लाख लोगों में महाप्रसादी के वितरण के लिए 10 भोजनशाला बनाई गई थी और कहीं पर भी कोई अव्यवस्था नहीं हुई।
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शहरवासियों ने सड़क पर और मैदान में बैठकर पूरी श्रद्धा और प्रेम के साथ हनुमानजी की महाप्रसादी को ग्रहण किया।
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हनुमान धाम, गांधीनगर और एयरपोर्ट के पास 3 मैदानों पर, बाकी जगह सड़क पर कुल 7 किमी की पंगत में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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बड़ा गणपति से पितरेश्वर हनुमान धाम के 7 किलोमीटर का नजारा कुछ ऐसा था, मानो यह सड़क श्रद्धालुओं के लिए 'डायनिंग टेबल' बन गई हो।
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10 लाख लोगों को भोजन कराना मामूली बात नहीं थी। इसके लिए 10 हजार कार्यकर्ताओं की फौज सड़कों पर उतर पड़ी। 2,000 महिलाओं ने भी मोर्चा संभाला।
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महाप्रसादी को तैयार करने में 2 हजार डिब्बे शुद्ध घी, 1 हजार क्विंटल आटा, 500 क्विंटल सब्जी, 500 क्विंटल बेसन और 500 किलो मसालों का उपयोग किया गया।