मंगलवार, 6 अगस्त 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. तीज त्योहार
  4. Swarna Gauri Vrat 2024
Written By WD Feature Desk

2024 में कब मनाया जाएगा स्वर्ण गौरी व्रत, जानें क्या है? पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और उपाय

2024 में कब मनाया जाएगा स्वर्ण गौरी व्रत, जानें क्या है? पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और उपाय - Swarna Gauri Vrat 2024
Swarna Gauri Vrat 
 
Highlights 
 
स्वर्ण गौरी व्रत कब है।
पूजा का शुभ दिन आज, जानें पूजा विधि। 
स्वर्ण गौरी व्रत क्या है। 
Sawan Swarna Gauri Vrat : प्रतिवर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वर्ण गौरी व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 07 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव और देवी माता पार्वती की पूजा की जाती है। सावन शुक्ल तृतीया तिथि पर कि जाने वाले इस व्रत को स्वर्ण गौरी, हरियाली तीज या मधुश्रवा तीज भी कहते हैं। बता दें कि इस पर्व को मां पार्वती और शिव के मिलन की याद में मनाया जाता है। 
 
इस व्रत के धार्मिक महत्व के अनुसार नवविवाहिताएं अपने पीहर जाकर यह त्योहार मनाती हैं तथा युवतियां झूला झूलती हैं और सावन के मधुर गीत भी गाती हैं। इस दिन स्वर्ण गौरा यानी पार्वती का सोने जैसे स्वरूप की पूजा की जाती है। अत: यदि संभव हो तो इस दिन सोने की पार्वती माता की प्रतिमा का पूजन करें। अगर यह नहीं कर सकते तो फिर मिट्टी की प्रतिमा या तस्वीर का पूजन कर सकते हैं। 
बुधवार, 07 अगस्त 2024 : स्वर्ण गौरी व्रत पूजन का शुभ समय : Swarna Gauri Vrat Puja Muhurat 
 
ब्रह्म मुहूर्त- तड़के 04:21 से 05:03 तक।
प्रातः सन्ध्या- तड़के 04:42 से 05:46 तक।
आज अभिजित मुहूर्त नहीं है।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:40 से 03:34 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:07 से 07:29 तक।
सायाह्न सन्ध्या- सायं 07:07 से 08:11 तक।
अमृत काल- अपराह्न 01:22 से 03:09 तक।
निशिता मुहूर्त- 08 अगस्त अर्द्धरात्रि 12:06 से 12:48 तक।
रवि योग- रात 08:30 से 08 अगस्त को सुबह 05:47 तक। 
पूजन व्रत की विधि : Swarna Gauri Vrat Puja Vidhi 
 
• स्वर्ण गौरी व्रत के दिन यानि बुधवार, 07 अगस्त की सुबह स्नानादि करके व्रत का संकल्प करें। 
• पूजा घर में लकड़ी के पटिए पर मिट्टी से मां पार्वती की मूर्ति बनाकर स्थापित करें। 
• यदि सामर्थ्य हो तो सोने की प्रतिमा स्थापित करें। 
• इस दिन घर में रखे सोने को भी पूजने का रिवाज है। 
• सूत या रेशम के धागे का 16 तार का डोरा लेकर उसमें सोलह गांठें लगाकर ग्रंथि बनाएं और चौकी के पास स्थापित करें। 
• फिर षोडशोपचार विधि से पूजा करें।
• पूजा के बाद कथा सुनें और आरती करें। 
• 16 (सोलह) तारों वाला धागा पुरुष अपने दाएं हाथ में और स्त्रियां बाएं हाथ या गले में बांधें।
• फिर बांस की 16 टोकरियों में 16 प्रकार के फल, चावल के चूर्ण से बना पकवान तथा वस्त्र आदि रखें। 
• और 16 (सोलह) ब्राह्मण दम्पत्तियों को भोजन कराकर दान करें।
• यह दान करते समय इस प्रकार वाक्य कहें- व्रत की संपूर्णता के लिए मैं ब्राह्मणों को यह दे रही/रहा हूं। 
• मेरे कार्य की समृद्धि के लिए सुंदर अलंकारों से विभूषित तथा पातिव्रत्य से सुशोभित ये शोभामयी सुहागिन स्त्रियां इन्हें ग्रहण करें।
• इस तरह पूजन-दान धर्म के पश्चात माता स्वर्ण गौरा को सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करें और उनसे आशीष लें।
स्वर्ण गौरी व्रत के दिन के उपाय : Swarna Gauri Vrat Remedies 
 
• इस दिन पति-पत्नी सुबह उठकर स्नानादि के पश्चात किसी शिव-पार्वती मंदिर में जाकर लाल पुष्प चढ़ाएं।
 
• सोने की माता पार्वती यानि पार्वती की स्वर्ण मूर्ति को लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, सिंदूर, मेहंदी आदि सुहाग सामग्री अर्पित करके प्रार्थना करें।
 
• 11 (ग्यारह) नवविवाहित युवतियों को सुहाग सामग्री जैसे- सिंदूर, मेहंदी, चूड़ी, काजल, लाल चुनरी आदि भेंटस्वरूप दें। 
 
• इस दिन दूध में केसर मिलाकर सोने की माता पार्वती प्रतिमा का अभिषेक करें, इससे पति-पत्नी में हमेशा प्रेम बना रहता है।
 
• घर की महिला या पत्नी चावल की खीर बना कर माता पार्वती को इसका भोग लगाएं। बाद में पति-पत्नी साथ में ये खीर खाएं तो दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ये भी पढ़ें
मध्यप्रदेश में है नागदेव का एक ऐसा स्थान जहां अमरनाथ जैसी है कठिन चढ़ाई, जंगलों से घिरा है मंदिर