रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Mahananda Navami 2021
Written By

Mahananda Navami 2021 : 21 फरवरी को महानंदा नवमी, जानिए महत्व एवं पूजन विधि

Mahananda Navami 2021 : 21 फरवरी को महानंदा नवमी, जानिए महत्व एवं पूजन विधि - Mahananda Navami 2021
Mahananda Navami 2021
गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को श्री महानंदा नवमी पर्व मनाया जाता है। माघ माह के शुक्ल पक्ष में एकम यानी प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है तथा आखिरी दिन नवमी तिथि पर देवी महानंदा का पूजन किया जाता है। गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को महानंदा नवमी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा एवं धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
 
ज्ञात हो कि किसी अज्ञात कारणों की वजह से अगर जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा, धन की कमी हुई हो, तो यह व्रत करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिए नवमी के दिन महानंदा व्रत किया जाता है। वर्ष 2021 में यह व्रत 21 फरवरी 2021, रविवार किया जा रहा है।
 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि के अंतिम दिन महानंदा नवमी व्रत का पूजन तथा मंत्र का जाप करने से गरीबी दूर होती है तथा श्री की देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से घर का दारिद्रय (गरीब या निर्धन होने की अवस्था) समाप्त होकर जीवन में संपन्नता आती है। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन असहाय लोगों को दान करने से सुख-समृद्धि के साथ ही विष्णु लोक की प्राप्ति भी होती है।
 
आइए जानें इस दिन क्या करें?
 
* ब्रह्म मुहूर्त में घर का कूड़ा-कचरा इकट्‍ठा करके सुपड़ी (सूपे) में रखकर घर के बाहर करना चाहिए। इसे अलक्ष्मी का विसर्जन कहा जाता है। तत्पश्चात दैनिक कार्य से निवृत होकर स्नानादि करके स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करना चाहिए तथा श्री महालक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए।
 
* इस दिन पूजन स्थान के बीचोबीच एक बड़ा अखंड दीया जलाना चाहिए।
* रात्रि जागरण करना चाहिए।
 
* महालक्ष्मी मंत्र- 'ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:' का जप करना चाहिए।
 
* रात्रि में पूजा के पश्‍चात व्रत का पारण करना चाहिए।
 
* पौराणिक शास्त्रों में नवमी के दिन कुंआरी कन्या का पूजन करके उससे आशीर्वाद लेना विशेष शुभ माना गया है। अत: नवमी तिथि को कन्या भोज तथा उनके चरण अवश्‍य छूने चाहिए।
 
* गुप्त नवरात्रि में खासकर 'श्री' यानी महालक्ष्मी देवी की विधिवत पूजा कर व्रत-उपवास रखकर कुंआरी कन्याओं को भोजन कराना चाहिए तथा मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करके हवन करने से घर का दारिद्रय दूर होकर घर में लक्ष्मी व धन का आगमन होता है तथा जीवन सुख-संपन्नता से परिपूर्ण हो जाता है।

ये भी पढ़ें
स्वामी श्रद्धानन्द जयंती : सिक्खों के अधिकारों और देशसेवा के बदले मिली गोली, जानिए 5 खास बातें