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Last Updated : शनिवार, 30 जुलाई 2022 (15:00 IST)

मेहंदी, झूला, गीत, चूड़ियां सहित हरियाली तीज की 10 मिलीजुली परंपराएं और महत्व

मेहंदी, झूला, गीत, चूड़ियां सहित हरियाली तीज की 10 मिलीजुली परंपराएं और महत्व - Hariyali teej festival 10 Traditions
Hariyali teej 2022: श्रावण मास में हरियाली अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं कि माता पार्वती के व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से होकर हरितालिका तीज को समाप्त होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हरियाली तीज 31 जुलाई 2022 को है। आओ जानते हैं इस दिन की 10 मिलीजुली परंपराएं।
 
 
1. मान्यता और महत्व : आस्था, सौंदर्य और प्रेम का यह त्योहार हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है। हरियाली तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए और अविवाहित महिलाएं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।
 
2. व्रत : हरियाली तीज के दिन महिलाएं सामान्य व्रत रखती हैं। 
 
3. पूजा : इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती और शिवजी की षोडशोपचार पूजा और आराधना करती है।
 
4. श्रृंगार : इस दौरान महिलाएं 16 श्रृंगार करती है। मेंहदी लगाती हैं, नई चूढ़ियां पहनती और श्रृंगार करती हैं।
 
5. लोकगीत : इस दिन महिलाएं हरा लहरिया या चुनरी पहनकर माता पार्वतीजी के लोगगीत गाती हैं।
6. झूला झूलना : इस दिन सावन के झूले पड़ते हैं। महिलाएं झूला झूलती हैं और खुशियां मनाती हैं।
 
7. मेला : हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है।
 
8. कथा : इस दिन पूजा के दौरान कथा सुनना जरूरी होता है। कथानुसार मां पार्वती द्वारा भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप करने के बाद शिव विवाह होता है। कथा के समापन पर महिलाएं मां गौरी से पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है। 
 
9. कुंवारी लड़कियां भी रख सकती है व्रत : कुंवारी लड़कियां भी मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं।
 
10. पारण : महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन-जल के दिन व्यतीत करती हैं तथा दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती हैं। हालांकि कई महिलाएं एकाशना भी रखती हैं।
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