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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 3 अगस्त 2024 (10:52 IST)

Hariyali amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर क्या करें और क्या नहीं

Hariyali Amavasya dos and donts 2024: हरियाली अमावस्या पर क्या करें और क्या नहीं - Hariyali Amavasya dos and donts
hariyali amavasya
 
Highlights 
 
* हरियाली अमावस्या कब है 2024 में।
* हरियाली अमावस्या पर किस प्रकार के कार्य नहीं करना चाहिए।
* श्रावणी अमावस्या पर क्या करें।
Hariyali Amavasya : प्रतिवर्ष श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पर अमावस्या पड़ती हैं, जिसे श्रावणी तथा हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। इस अमावस्या का बहुत अधिक धार्मिक महत्व माना गया है, क्योंकि यह सावन के महीने में आती हैं, जो कि भगवान शिव जी की आराधना का सबसे प्रमुख मास है। अत: श्रावण और वर्षा ऋतु की इस अमावस्या का प्रकृति और पर्यावरण से भी महत्वपूर्ण संबंध माना जाता है। चूंकि अमावस्या तिथि पितृदेव के पूजन, तर्पण, दान-पुण्य के कार्य आदि के लिए भी खास मानी जाती है, इस कारण सावन की यह अमावस बहुत महत्व की हो जाती है। 
इस वर्ष हरियाली अमावस्या का यह पर्व रविवार, 04 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। तो आइए यहां जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या-क्या कार्य न करें। 
 
हरियाली अमावस्या की बातें- इस दिन क्या करें : 
 
1. धार्मिक मान्यतानुसार हरियाली अमावस्या के दिन नए पौधे लगाकर उसकी देखभाल करने, उन्हें नियमित जल देने और खाद आदि देने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
 
2. हरियाली अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष का पूजन करके फिर इसकी परिक्रमा करने के पश्चात मालपुओं का भोग लगाने से पितृगण और लक्ष्मीनारायण प्रसन्न होते है।
 
3. किसी भी नदी, तट या सरोवर में स्नान और दान-पुण्य के कार्य के लिए यह अमावस्या बहुत ही सौभाग्यशाली तिथि मानी गई है। 
 
4. अमावस्या पर खासकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए हवन-पूजन, श्राद्ध-तर्पण आदि करने से पितृगण प्रसन्न होकर हमें शुभाशीष देते हैं। 
 
5. कई दृष्टि से अमावस्या श्रेष्ठ तिथि होती हैं, अत: ब्राह्मण भोज करवाकर दान-दक्षिणा, वस्त्र, छाता, कंबल, अन्न आदि चीजों का दान अवश्य देना चाहिए।
 
6. हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर अपने ईष्टदेव का ध्यान लगाकर व्रत रखें, और जहां तक हो मौन रखें या कम बोलें।
 
7. यह दिन धार्मिक कार्यों के लिए बहु‍त अच्छा माना जाता है। अत: पूजन-हवन, अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ, जप-तप आदि कार्य करें।
 
8. चौदस तथा हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। 
हरियाली अमावस्या के दिन क्या न करें :
 
1. पितृ दोष के भयानक दुष्प्रभाव से बचना चाहते हैं अमावस्या के दिन अपने नाखून और बाल नहीं काटना चाहिए।
 
2. इस दिन बाल नहीं धोने चाहिए, क्योंकि इससे कुंडली में समस्याएं आ हो सकती हैं।
 
3. इस दिन किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य या शुभ व नया कार्य न करें, जैसे नवीन व्यापार, गृह मुहूर्त, गृह निर्माण, मुंडन संस्कार, गोद भराई, नामकरण आदि कार्य न करें, इससे उनमें विघ्न पड़ने की संभावना रहती है।
 
4. इस दिन झूठ न बोलें, लोभ-लालच से दूर रहें। किसी के प्रति नाराजगी, कड़वाहट या शत्रुता न पालें। क्रोध या गुस्सा न करें।
 
5. इस दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें, लहसुन-प्याज, मांसाहार तथा नशे का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
 
6. इस दिन किसी के भी प्रति मन में गलत विचार न रखें और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें। 
 
7. इस तिथि पर तुलसी, बेलपत्र, पीपल के पत्ते बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए।
 
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