सोमवार, 28 अप्रैल 2025
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Written By WD

तेल लगाओ या गाना गाओ

- उमेश ताम्बी

एनआरआई साहित्य
GN

तेल लगाओ या गाना गाओ
बुद्धिजीवियों अब तो जागृत हो जाओ

राजनैतिक पार्टियों में समन्वय, सद्भाव
गुंटूर की मिर्च का छिड़काव
लोकसभा के अंदर भगदड़ और बचाव
कूटनीति का अद्भुत प्रभाव

वैलेंटाइन है त्योहार न खुशी
केवल नुमाइश और नवयुवकों की हंसी
गरीब जनता मझधार में फंसी
ये डेमोक्रेसी है या रस्साकशी?

राम की भी जय, रावण की भी जय
हीरा गले लग जाए तो हार बन जाए
नीचे उतर जाए तो गला चिर जाए
देश चाहे दरकिनार हो जाए

मेरा गाना न तेरा गाना
कांग्रेस और बीजेपी का एक ही तराना
न तेल न गाना
कैसे बने तेलंगाना?

उनपचास दिनों का ड्रामा
केजरीवाल का राजीनामा
जनलोकपाल बिल रहा न अंजाना
शायद बन पाए राष्ट्रीय हंगामा?