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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 25 सितम्बर 2025 (15:29 IST)

सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर करें नवदुर्गा की शाबर मंत्रों से साधना, मिलेगा तुरंत फल

durga shabar mantra hindi
Durga shabar mantra hindi: नवरात्रि के नौ दिन शक्ति की भक्ति, साधना और उपासना के लिए समर्पित हैं। इन नौ दिनों में की गई साधना को शीघ्र फलदायी माना जाता है। इसीलिए, इन पवित्र दिनों में व्रत और नियमों का पालन करते हुए साधना की जाती है, जिससे सिद्धि प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
 
माँ दुर्गा का शाबर मंत्र
दुर्गा माता के कई शाबर मंत्र प्रचलित हैं। यहाँ एक शक्तिशाली शाबर मंत्र प्रस्तुत है, जिसका जाप किसी जानकार या गुरु से पूछकर ही करना चाहिए:
 
डण्ड भुज-डण्ड, प्रचण्ड नो खण्ड। प्रगट देवि! तुहि झुण्डन के झुण्ड। 
खगर दिखा खप्पर लियां, खड़ी कालका। तागड़दे मस्तंग, तिलक मागरदे् मस्तंग। 
चोला जरी का, फागड़ दीफू, गले फुल माल, जय जय जयन्त।
जय आदि शक्ति। जय कालका खपर-धनी।
जय मचकुट छन्दनी देव। जय-जय महिरा, जय मरदिनी।
जय-जय चुण्ड-मुण्ड, भाण्डासुर-खण्डनी, जय रक्त बीच बिडाल-बिहण्डनी।
जय निशुम्भ को दलनी, जय शिव राजेश्वरी।
 
अमृत-यज्ञ, धागी-धृट, दृवड़-दृवड़नी। बड़ रवि डर-डरनी, ओम् ओम् ओम्।।।
 
साधना करने की विधि और नियम
1. साधना का समय और दिशा
  • नवरात्रि में दोनों काल (प्रातः और सायं) में कम से कम तीन घंटे का समय निकाल कर साधना करें।
  • प्रतिदिन 26 माला जाप एक निश्चित समय पर करें।
  • प्रातःकालीन उपासना पूर्व मुख करके करें।
  • संध्याकाल की उपासना पश्चिम मुख होकर करनी चाहिए।
  • जप के समय घी का दीपक जलाकर रखें और जल का एक पात्र निकट में रखें।
 
2. किस देवी की साधना करें?
- प्रत्येक नवरात्रि में साधक यह तय करते हैं कि वे काली माता, बगलामुखी, मातंगी या अम्बिका माता में से किसकी साधना करना चाहते हैं।
- सामान्यजन माता के बीज मंत्रों या शाबर मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- आप प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं।
 
3. अष्टमी/नवमी का विशेष विधान
  1. सप्तश्लोकी दुर्गा के पाठ का 108 बार अष्टमी या नवमी की रात्रि में करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  2. कुछ लोग इन दिनों महामृत्युंजय मंत्र की साधना भी करते हैं।
  3. यदि आप तंत्र साधना करना चाहते हैं, तो इसके लिए योग्य गुरु की तलाश अवश्य करनी चाहिए। 
  4. अष्टनायिका साधना जैसी तांत्रिक साधनाएं अर्धरात्रि में सिद्ध की जाती हैं।
  5. यह साधना किसी विशेषज्ञ से पूछकर ही करें।
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