आइए जानते हैं यहां कुछ खास डिशेज के बारे में...
1. साबूदाना खिचड़ी:
• सामग्री: साबूदाना, उबले आलू, मूंगफली, हरी मिर्च, सेंधा नमक, घी।
• विधि: साबूदाना को धोकर भिगो दें। घी में मूंगफली भूनकर निकाल लें। हरी मिर्च और आलू भूनें। साबूदाना, मूंगफली और नमक मिलाकर पकाएं। ऊपर से हरा धनिया बुरका कर सर्व करें।
2. सिंघाड़े के आटे की पूड़ी:
• सामग्री: सिंघाड़े का आटा, उबले आलू, सेंधा नमक, घी।
• विधि: आटे में आलू और नमक मिलाकर गूंथ लें। पूड़ी बेलकर घी में तलें। इसे फलाहारी आलू की सब्जी या रायते के साथ सर्व करें।
3. कुट्टू के आटे का डोसा:
• सामग्री: कुट्टू का आटा, सेंधा नमक, पानी।
• विधि: आटे में नमक और पानी मिलाकर घोल बनाएं। तवे पर डोसा फैलाकर घी में सेंक लें। दही या चटनी के साथ परोसें।
4. आलू की टिक्की:
• सामग्री: उबले आलू, सेंधा नमक, हरी मिर्च, धनिया, तेल।
• विधि: आलू मैश करके उसमें नमक, मिर्च और धनिया मिलाएं। टिक्की बनाकर तेल में तलें। दही, हरी चटनी के साथ सर्व करें।
5. मखाने की खीर:
• सामग्री: मखाना, दूध, चीनी, इलायची, सूखे मेवे।
• विधि: मखाने भूनकर दूध में पकाएं। चीनी, इलायची और मेवे मिलाएं। तैयार खीर को अपने फलाहार में शामिल करें।
6. फलों की चाट:
• सामग्री: फल (सेब, केला, अंगूर, अनार), सेंधा नमक, नींबू का रस।
• विधि: फलाहार करने से पूर्व फलों को काटकर नमक और नींबू का रस मिलाएं तथा ताजे कटे फलों का सेवन करें।
7. लौकी की खीर:
• सामग्री: लौकी, दूध, चीनी, इलायची, सूखे मेवे।
• विधि: लौकी घिसकर दूध में पकाएं। चीनी, इलायची और मेवे मिलाएं। इसे घिया भी कहते हैं, फलाहार के रूप में यह बहुत लाभकारी है।
8. साबूदाना वड़ा:
• सामग्री: साबूदाना, उबले आलू, मूंगफली, हरी मिर्च, सेंधा नमक, तेल।
• विधि: साबूदाना भिगोकर आलू, मूंगफली, मिर्च और नमक मिलाएं। वड़ा बनाकर तेल में तलें। दही और हरी चटनी के साथ पेश करें।
9. पनीर टिक्का:
• सामग्री: पनीर, दही, सेंधा नमक, काली मिर्च, नींबू का रस, तेल।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।