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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011 (00:21 IST)

सोशल नेटवर्किंग मामले में सिब्बल का यूटर्न

Internet censorship | सोशल नेटवर्किंग मामले में सिब्बल का यूटर्न
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इंटरनेट की निगरानी को लेकर बढ़ते विवादों के बीच सरकार ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी अग्रणी सोशल नेटवर्किंग फर्मों के साथ गुरुवार को बातचीत की और कहा कि इंटरनेट की सेंसरशिप का कोई सवाल पैदा नहीं होता।

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट चलाने वाली इन फर्मों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया फर्मों, विदेश मंत्रालय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहित विभिन्न सरकारी विभागों के साथ खुली बातचीत का आह्वान किया है और उनसे सोशल मीडिया और ई-प्रशासन के जरिए नागरिकों को सशक्त बनाने के सुझाव मांगे हैं।

इस दौरान, संचार एवं आईटी राज्यमंत्री सचिन पायलट से जब पूछा गया कि क्या इंटरनेट पर सामग्री का नियमन करने के लिए किसी तरह की प्रणाली शुरू करने की सरकार की कोई योजना है? उन्होंने कहा इंटरनेट की सेंसरशिप का सवाल ही पैदा नहीं होता।

उन्होंने कहा जो भी कानून बनाए जाने हैं, वे पहले से ही लागू हैं। सरकार, संविधान के तहत उपलब्ध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा के अधिकार का पालन करने को प्रतिबद्ध है। हम पूरी उर्जा के साथ इसका संरक्षण करते हैं।

सिब्बल ने कहा यह चर्चा एवं बातचीत इस बारे में है कि कैसे सोशल मीडिया सरकार के हाथ मजबूत कर सकता है क्योंकि सरकार की सामान्य प्रक्रिया के तहत समाज के प्रतिनिधियों के साथ हमेशा ही बातचीत सीमित दायरे में होती है।

लेकिन, सोशल मीडिया प्लेटफार्म के मौजूदा स्वरुप में विचार विमर्श और बातचीत का व्यापक दायरा है और इसका काफी विस्तार हुआ है। इसीलिए इस विस्तार का इस्तेमाल नागरिकों के जरिए सरकार को मजबूत बनाने के लिये एक सेतु की तरह किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की पहुंच बहुत व्यापक है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या अभी काफी सीमित है, इसलिए ऐसा नहीं लगना चाहिए कि सरकार समाज के एक वर्ग के विचारों का ही प्रतिनिधित्व करती है।

सिब्बल ने कहा हम ऐसा रचनात्मक विचार-विमर्श चाहते हैं जिससे सरकार जब भी कोई निर्णय लेकर आगे बढ़े तो उसको मजबूती मिले। उन्होंने पिछले सप्ताह भी गूगल, माइक्रोसाफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों से मुलाकात की थी। इनकी वेबसाइट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पाए जाने के बाद उन्होंने यह मुलाकात की थी। उन्होंने इन नेटवर्को से इस तरह के मैटीरियल को अपलोड करने से रोकने को कहा था। (भाषा)