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Written By WD

अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

-सुरेश एस डुग्गर

अमरनाथ यात्रा
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा में 15 दिनों के दौरान 25 श्रद्धालुओं की मौतों के बाद अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत सर्दी और हार्टहटैक से हुई हैं। इस कारण बोर्ड द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाएं शक के घेरे में हैं तो श्रद्धालुओं के उन स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों पर भी अंगुली उठने लगी है जो उन्होंने पंजीकरण के समय दिए थे। इस बीच 15 दिनों में अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों का आंकड़ा शनिवार को 2 लाख को छू गया है।

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अमरनाथ यात्रा शुरू होने के 15 दिनों के भीतर 25 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत से श्राइन बोर्ड की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। यात्रा के दौरान जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर को सर्दी के कारण दिल का दौरा पड़ा था। मृतकों में कम उम्र के युवा भी शामिल हैं।

आरोप है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए, उसकी ज्यादातर योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही हैं। 15 दिनों में ही करीब 2 लाख श्रद्धालु 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं। यही वजह है कि हजारों लोगों को कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात काटनी पड़ रही है।

श्राइन बोर्ड का कहना है कि ये सब गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं के कारण हुआ है, जो हजारों की तादाद में आ गए हैं। उनकी वजह से सारी व्यवस्थाएं चरमरा गईं हैं। श्राइन बोर्ड की इस दलील पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं को यात्रा करने की इजाजत कैसे मिल गई।

वैसे यह कोई पहला अवसर नहीं है कि श्राइन बोर्ड ने ऐसी मौतों को लेकर गैर पंजीकृत श्रद्धालुओं और यात्रियों द्वारा मुहैया करवाए गए स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों को दोषी ठहराया हो, जबकि पिछले कुछ सालों से जब से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और पंजीकरण जरूरी किया गया है आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है।

अगर श्रद्धालु व्यवस्थाओं को लेकर श्राइन बोर्ड को कोसते हैं तो श्राइन बोर्ड उन्हें ही झूठा साबित करते हुए दोष मढ़ता रहा है कि उनके हेल्थ सर्टिफिकेट जाली थे, जबकि गैर पंजीकृत श्रद्धालुओं को बलि का बकरा बनाने का खेल 1996 की अमरनाथ त्रासदी के बाद से ही शुरू हो चुका है जब 300 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।

15 दिनों में 25 मौतों और आरोप-प्रत्योराप के सिलसिले के बावजूद अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, समाचार लिखे जाने तक यात्रा में 15 दिनों में 2 लाख श्रद्धालु शामिल हो चुके थे जबकि जम्मू, बालटाल और पहलगाम के बेस कैम्पों में पंजीकृत और गैर पंजीकृत श्रद्धालुओं के सैलाब का आना जारी था।

इस बीच पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए आज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 2,148 श्रद्धालुओं का 16वां जत्था जम्मू से रवाना हो गया। पुलिस ने बताया कि श्रद्धालुओं के इस जत्थे में 1,637 पुरुष, 357 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। श्रद्धालुओं का कारवां सुबह 4.10 बजे जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 65 वाहनों में सवार हो रवाना हुआ।

उन्होंने बताया कि यात्रियों का काफिला पहले ही जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कुद को पार कर चुका है और आज शाम तक उनके बालटाल व पहलगाम आधार शिविर पहुंचने की उम्मीद है। आज रवाना हुए श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ ही अमरनाथ गुफा के लिए जम्मू आधार शिविर से रवाना होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 30,067 पहुंच गई है।