• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. what is criminal procedure identification bill 2022 ajay mishra teni budget session parliament
Written By
Last Updated : सोमवार, 28 मार्च 2022 (21:23 IST)

आंखों के रेटिना से पैर के प्रिंट तक... रखा जाएगा अपराधी का हर रिकॉर्ड, आ रहा नया कानून

आंखों के रेटिना से पैर के प्रिंट तक... रखा जाएगा अपराधी का हर रिकॉर्ड, आ रहा नया कानून - what is criminal procedure identification bill 2022 ajay mishra teni budget session parliament
नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को लोकसभा में 'दंड प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022' पेश किया जिसमें किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार और दोषसिद्ध अपराधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है। संसद के निचले सदन में 58 के मुकाबले 120 मतों से विधेयक को पेश करने की मंजूरी दी गई। इस विधेयक को हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।
 
विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि मौजूदा अधिनियम को बने 102 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उसमें सिर्फ फिंगर प्रिंट और फुटप्रिंट लेने की अनुमति दी गई, जबकि अब नई प्रौद्योगिकी आई है और इस संशोधन की जरूरत पड़ी है।
 
उन्होंने कहा कि यह छोटा विधेयक है। इससे जांच एजेंसियों को मदद मिलेगी और दोषसिद्धि भी बढ़ेगी...कानून मंत्रालय और सभी संबंधित पक्षों के साथ लंबी चर्चा के बाद यह विधेयक लाया गया है। मिश्रा ने विपक्ष के सदस्यों की आपत्ति के जवाब में कहा कि मौजूदा प्रस्ताव किसी भी दृष्टि से मनमाना नहीं है।
 
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जब लखीमपुर खीरी मामले को लेकर मिश्रा पर कुछ टिप्पणी की तो मिश्रा ने कहा कि मैंने 2019 में नामांकन पत्र भरा था। अगर मैं एक भी मिनट के लिए जेल गया हूं, मेरे खिलाफ एक भी मामला हो तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। इस बीच विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह अनुच्छेद 20 और 21 का उल्लंघन है।
 
उन्होंने कहा कि इस सदन को यह चर्चा करनी चाहिए कि क्या सत्तापक्ष को यह अधिकार है कि वह ऐसा विधेयक लाए जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात करता हो। आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के जरिए संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि अगर मान लीजिए मेरे खिलाफ कोई मामला दर्ज होता है तो मेरा डीएनए जांचा जाएगा। इसका क्या मतलब है? यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने दावा किया कि अगर यह कानून यहां से पारित होता है तो यह न्यायपालिका में नहीं ठहर पाएगा।
 
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि फिंगर टेस्ट करने और जैविक नमूने लेने की क्या जरूरत है? क्या अपराध अचानक से बढ़ गया है? यह विधेयक मानवाधिकारों का हनन करता है और संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
 
उन्होंने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं आग्रह करता हूं कि गृह मंत्री (अमित शाह) इस बारे में समझाएं। टेनी जी क्या समझाएंगे। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने पुट्टूस्वामी मामले में जो निजता के अधिकार की बात कही थी, यह विधेयक उसका उल्लंघन करता है और यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
 
बसपा के रितेश पांडे ने कहा कि संविधान में नागरिकों को जो मूल अधिकार दिए गए हैं, उनका हनन हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार चाहती है कि लोगों को भय में रखा जाए। पांडे ने कहा कि नागरिकों के ऊपर मानसिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है कि लोग अपने अधिकारों की बात करने से डरें। कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने विधेयक पेश करने पर मत-विभाजन की मांग की।
 
इसके बाद हुए मत-विभाजन में विधेयक पेश करने की अनुमति दिए जाने के पक्ष में 120 वोट पड़े तथा 58 मत विरोध में पड़े। इस विधेयक के माध्यम से वर्ष 1920 के कैदियों की पहचान संबंधी कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। औपनिवेशिक ब्रिटिश काल के वर्तमान कानून में उन दोष सिद्ध अपराधियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों के शरीर के सीमित स्तर पर माप की अनुमति दी गई है जिसमें एक वर्ष या उससे अधिक सश्रम कारावास का प्रावधान होता है।
 
इस विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का विभिन्न प्रकार का ब्योरा एकत्र करने की अनुमति देने की बात कही गई है जिसमें अंगुली एवं हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना और लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं। सरकार का मानना है कि अधिक से अधिक ब्योरा मिलने से दोष सिद्धि दर में वृद्धि होगी और जांचकर्ताओं को अपराधियों को पकड़ने में सुविधा होगी।
ये भी पढ़ें
बीरभूम हिंसा पर बंगाल विधानसभा में जमकर बवाल, विधायकों में हाथापाई, शुभेंदु समेत भाजपा के 5 विधायक निलंबित