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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 (18:07 IST)

स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा में उठाया यमुना नदी का मुद्दा, बोलीं- हमारी मां आज वेंटिलेटर पर है...

Swati Maliwal
Swati Maliwal raised the issue of Yamuna river in Rajya Sabha : आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्य स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को राज्यसभा में यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा उठाया और कहा कि जब तक दिल्ली में युद्ध स्तर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनाए जाएंगे, यमुना की स्थिति में सुधार नहीं होगा। उन्होंने इसके लिए जहां केंद्र सरकार के पूरे सहयोग की जरूरत पर बल दिया, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यमुना नदी हमारी मां हैं और वे आज वेंटिलेटर पर हैं।
 
उच्च सदन में शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने इसके लिए जहां केंद्र सरकार के पूरे सहयोग की जरूरत पर बल दिया वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए यमुना को लेकर यहां की जनता को 'सपने दिखाने' और 'झूठे वादे' करने का आरोप लगाया।
यमुना नदी के पौराणिक महत्व को रेखांकित करते हुए मालीवाल ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि यह नदी 'हमारी नाकामी' की वजह से एक तरीके से 'नाला' बन गई है। उन्होंने कहा कि इस नदी की सदियों से पूजा होती आई है, पर आज दिल्ली में 22 नाले इस नदी में गिरते हैं। 23.80 करोड़ गैलन अपशिष्ट जल हर दिन इस नदी में डाला जा रहा है। हालत यह हो गई है कि नदी में जहरीला झाग ज्यादा दिखता है और पानी कम।
 
55 सीवेज प्लांट की तत्काल जरूरत : मालीवाल ने कहा कि इस नदी का बहुत छोटा-सा हिस्सा दिल्ली से गुजरता है लेकिन इसी हिस्से में 76 प्रतिशत यमुना प्रदूषित हो जाती है। उन्होंने कहा कि हालत बहुत खराब है। 55 सीवेज प्लांट की तत्काल जरूरत है। दिल्ली में सिर्फ 35 हैं। उसमें से भी 22 मानकों के अनुकूल नहीं हैं। दिल्ली में अवैध तरीके से कई उद्योगों और कारखानों के खतरनाक रसायन नदी में जा रहे हैं। इस तरह से हमारी जिंदगी में जहर मिलाया जा रहा है, पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
 
आप सदस्य ने कहा कि 2021 में दिल्ली सरकार ने वादा किया था वह यमुना को इतना साफ कर देगी कि 2025 से पहले कि उसके नेता खुद इसमें डुबकी लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद यमुना की स्थिति वैसी की वैसी है। उन्होंने कहा कि हालात काफी खराब हैं। यमुना नदी हमारी मां हैं और वे आज वेंटिलेटर पर हैं।
 
राजनीति और खोखली बयानबाजी हो रही : मालीवाल ने आरोप लगाया कि यमुना नदी को लेकर सिर्फ 'राजनीति और खोखली बयानबाजी' हो रही है। उन्होंने कहा कि झूठे वादे और एक दूसरे पर आरोप मढ़ने से दशा नहीं बदलेगी। जब तक उनकी नीयत साफ नहीं होगी, तब तक यमुना का पानी साफ नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हमें युद्धस्तर पर बनाना ही होगा, नहीं तो यमुना नदी का यही हाल रहेगा। इसके लिए हमें केंद्र सरकार के पूरे सहयोग की भी जरूरत है। मालीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में हुई कथित 'पिटाई' के बाद 'आप' सरकार और उसके नेताओं के खिलाफ लगातार मुखर हैं। अभी तक न तो उन्हें 'आप' ने पार्टी से बाहर निकाला है और न उन्होंने खुद पार्टी से इस्तीफा दिया है।
 
हिमाचल प्रदेश में आपदा से 12000 करोड़ रुपए का नुकसान : शून्यकाल के दौरान सदस्यों ने हिमाचल प्रदेश में हाल के दिनों में आई विभिन्न आपदाओं का उल्लेख करते हुए हिमालयी राज्य के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की। कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले साल भी आपदा से 12,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था और इस बार अब तक अनुमान के हिसाब से 780 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
आपदाओं से जान और माल के नुकसान का ब्योरा देते हुए शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी आपदाओं के लिए दीर्घकालिक समाधान नहीं कर सकती और इसमें केंद्रीय मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को जो आर्थिक सहायता दी है, वह 'ऊंट के मुंह में जीरा' है।
 
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि आश्वासन पूरा हो। दीर्घकालिक सहायता की आवश्यकता है। भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड में वनाग्नि के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और और कहा कि इससे राज्यों को खासा नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इससे बचाव के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है, उसने पिरूल (चीड़) पत्ते के संग्रह के 50 केंद्र भी बनाए हैं और 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से इसे खरीदा जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से मदद का अनुरोध करते हुए कहा कि अभी तक वनाग्नि को दैवीय आपदा की श्रेणी में नहीं रखा गया है। मैं सरकार से मांग करूंगा कि वनाग्नि को भी दैवीय आपदा की श्रेणी में रखा जाए।
 
भाजपा के ही मदन राठौड़ ने राजधानी और अन्य शहरों के चौक-चौराहों पर भीख मांगे जाने और इसमें बच्चों का इस्तेमाल किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बच्चों को ध्यान से देखने से पता चलता है कि वह नशे में रहते हैं और लोग दया करके उनको भीख दे देते हैं।
 
तो हमारे देश की छवि भी खराब होती है : उन्होंने इसके पीछे एक सुनियोजित गिरोह होने की आशंका जताते हुए इनकी छानबीन की मांग की और कहा कि इसमें शामिल बच्चों को संरक्षण के लिए बाल सुधार गृह भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई विदेशी मेहमान भी यहां आते हैं। वह जब इस प्रकार की चीजें देखते हैं तो हमारे देश की छवि भी खराब होती है। मैं निवेदन करना चाहूंगा कि सरकार इन चीजों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए।
 
भाजपा के ही एक अन्य सदस्य संजय सेठ ने रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र जीडीपी में बहुत बड़ा योगदान देता है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि हमारे देश के अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाया जा सके।
 
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने गौरीगंज से लालगंज होते हुए चित्रकूट जाने वाले मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम के एन चंद्रशेखरन ने उत्तर से दक्षिण के बीच माल परिवहन में तेजी लाने के लिए इटारसी से विजयवाड़ा के बीच समर्पित रेल गलियारा के निर्माण में हो रही देरी पर चिंता जताई।
 
रेलमंत्री लालू यादव ने की थी इस परियोजना की घोषणा, लेकिन...: उन्होंने कहा कि इस परियोजना की घोषणा बतौर रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के आरंभ हो जाने से देश के औद्योगिक विकास में तेजी से योगदान होगा लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि क्यों इसमें विलंब किया जा रहा है। सरकार से आग्रह है कि इसके क्रियान्वयन को तेज किया जाए तथा आवश्यक कोष उपलब्ध कराया जाए।
मनोनीत सदस्य सुधा मूर्ति ने सड़क परिवहन से होने वाले वायु प्रदूषण पर चिंता जताई और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के साथ ही इसके लिए आवश्यक जरूरतों की पूर्ति करने की मांग उठाई। उन्होंने भारत में ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी, उनके चार्जिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था किए जाने और इस संबंध में उचित प्रशिक्षण दिए जाने की मांग की ताकि देश में लंबे समय तक इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल हो सके और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद मिल सके।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour
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