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Last Modified: सोमवार, 29 अगस्त 2022 (08:05 IST)

Supertech Twin Tower case : नोएडा के ट्विन टावर ढहाने के बाद 26 करप्ट अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, जारी हुई लिस्ट

Supertech Twin Tower case : नोएडा के ट्विन टावर ढहाने के बाद 26 करप्ट अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, जारी हुई लिस्ट - Supertech Twin Tower case: UP government’s big attack on corruption, list of 26 officers of Noida Authority released
नई दिल्ली। नोएडा के सेक्टर 93 में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर रविवार दोपहर ढाई बजे ढहा दिए गए। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर गिरने में सिर्फ 12 सेकंड का समय लगा। इन्हें गिराने के लिए 3700 किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद दोनों टावर करीब 80 हजार टन मलबे में तब्दील हो गए। अब बारी 26 अधिकारियों पर कार्रवाई की है। 
 
आसपास के कुछ अपार्टमेंट्‍स को हल्का नुकसान पहुंचा। भ्रष्टाचार की इमारत ट्विन टावर ध्वस्त हो गई है। अब बारी भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की है। 
 
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर अमल करते हुए इस भ्रष्टाचार में शामिल 26 अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 
 
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा यह लिस्ट जारी की गई है। ये वे अधिकारी है जब इमारत का निर्माण हो रहा था तब वे किसी न किसी पद पर नोएडा अथॉरिटी में तैनात थे। ये इनके संरक्षण में ही इस इमारत को 15 मंजिल से 32 मंजिल बनने की अनुमति दी गई।
सामने आया पीड़ितों का दर्द : बिल्डर की अन्य परियोजनाओं में निवेश करने वाले घर खरीदारों ने सवाल किया कि असल में सज़ा किसे मिली है? और उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि सालों पहले बुक कराए गए उनके फ्लैट का कब्जा कब मिलेगा?
 
एनसीआर में एक घर होने का सपना देखने वाले ये खरीदार रविवार को टेलीविजन के सामने जमा रहे जब सुपरटेक के इन टावर को ज़मीदोंज़ कर दिया गया। हरियाणा में गुरुग्राम निवासी अरुण मिश्रा रविवार को इस कार्रवाई के बारे में लगातार अपडेट देख रहे थे और मायूस महसूस कर रहे थे।
 
मिश्रा ने 2015 में हरियाणा के गुरुग्राम के बाहरी इलाके में सुपरेटक के ‘हिल टाउन’ परियोजना में फ्लैट बुक कराया था और तब से ही वे अपने आशियाने का कब्जा हासिल करने की राह देख रहे हैं। उनसे वादा किया गया था कि 2018 तक उन्हें फ्लैट दे दिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि ट्विन टावर की कहानी से मुझे एक बात समझ नहीं आई कि 'वास्तव में सजा किसे मिली'। सिर्फ अवैध टावर को गिराना काफी है? बिल्डर को जेल क्यों नहीं भेजा गया? खरीदारों ने अपनी मेहनत की कमाई से घर खरीदने का सपना देखा। बदले में उन्हें क्या मिला: मानसिक तनाव और भुगतान के पैसे वापस पाने के लिए अंतहीन इंतजार।”
 
उन्होंने कहा कि कम से कम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पैसा वापस देने का आदेश दिया है। अन्य परियोजनाओं के बारे में क्या, जहां बिल्डर ने गड़बड़ियां की हैं ? उनके लिए कोई न्याय नहीं है। यह बहुत निराशाजनक है। यह भावना सिर्फ मिश्रा की ही नहीं है। सुपरटेक की विभिन्न परियोजनाओं में 200 से अधिक लोगों ने अपने लिए घर बुक कराया था जो बिल्डर से पैसे वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
 
सनी सिंह ने कहा कि बिल्डर के पास पहले ही नकदी की कमी है। कंपनी ने ट्विन टावर को गिराने और उसमें फ्लैट बुक कराने वालों को पैसा वापस करने के लिए धन कहां से हासिल किया? जाहिर है, उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करने के लिए, मौजूदा परियोजनाओं के धन को फिर से इधर उधर किया जाएगा और हम जैसे लोगों को न तो हमारे फ्लैट मिलेंगे और न ही पैसा वापस मिलेगा। उन्होंने गुरुग्राम में सुपरटेक के अज़ालिया परियोजना में फ्लैट बुक कराया है।
 
एक अन्य घर खरीदार नोएडा निवासी आशीष गुप्ता ने कहा कि क्या टावर को ध्वस्त करना काफी है? यह बिल्डर को सजा है या घर खरीदने वालों को? जो लोग एक दशक से अधिक समय से फ्लैट मिलने का का इंतजार कर रहे थे, वे आज सिर्फ दर्शक बनकर रह गए, और हमारे जैसे अन्य लोगों का क्या होगा जो अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने वाले हैं?
 
नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर धराशायी कर दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इन ढांचों को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई। (इनपुट भाषा)
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