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Last Updated : मंगलवार, 21 मार्च 2023 (15:05 IST)

सैन्य कमांडर का बड़ा बयान, लद्दाख में LAC पर चीन के साथ यथास्थिति बरकरार

सैन्य कमांडर का बड़ा बयान, लद्दाख में LAC पर चीन के साथ यथास्थिति बरकरार - Status quo with China on LAC in Ladakh continues
जम्मू। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ यथास्थिति बरकरार है और विभिन्न स्तरों पर बातचीत की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात काबू में हैं और वहां आतंकवादी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने की कोशिश की जा रही है।
 
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी) एक विशाल वेटरंस संपर्क रैली को संबोधित कर रहे थे जिसमें यहां डिगियाना में जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक इकाई के 800 से अधिक पूर्व सैनिक और वीर नारियां शामिल हुईं।
 
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि एलएसी पर चीन के साथ यथास्थिति बरकरार है। विभिन्न स्तरों पर बातचीत की जा रही है और हमारी सभी टुकड़ियां उच्च स्तर पर तैयार हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने पिछले साल 1 फरवरी को उत्तरी कमान के सेना कमांडर और जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजीमेंट तथा लद्दाख स्काउट्स के कर्नल का प्रभार संभाला था।
 
भारतीय सेना और चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच मई 2020 से ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर कई क्षेत्रों में गतिरोध चल रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम जारी रहने को लेकर भी बात की लेकिन साथ ही कहा कि घुसपैठ की कुछ कोशिशें की गईं जिसे भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया।
 
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में हालात काबू में हैं। हमारा आतंकवादरोधी तंत्र पूरी तरह नागरिक प्रशासन के साथ काम कर रहा है और आतंकवादी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सैन्य अधिकारी ने कहा कि इस रैली का उद्देश्य जम्मू के नजदीकी जिलों तथा आसपास के इलाकों में रह रहे जम्मू-कश्मीर राइफल्स के पूर्व सैनिक, उनके करीबी परिजनों और वीर नारियों से संपर्क कर पेंशन से संबंधित उनकी समस्याओं और विसंगतियों को हल करना तथा उन्हें चिकित्सा मदद मुहैया कराने में सहायता करना है।
 
उत्तरी कमांडर ने कहा कि चूंकि इस रेजीमेंट के ज्यादातर सैनिक और पूर्व सैनिक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा पंजाब के हैं तो सेना पूर्व सैन्यकर्मियों तक पहुंचने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए इन इलाकों में ऐसी और रैलियां करेगी।
 
उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास पूर्व सैनिकों और वीर नारियों से उनके घर में मुलाकात करने का है। हमने कूपवाड़ा, श्रीनगर, पालमपुर, लेह, अखनूर, राजौरी और देहरादून में पूर्व सैन्यकर्मियों और वीर नारियों से मुलाकात की तथा हम भविष्य में अनंतनाग, अमृतसर, जतोग और दार्जीलिंग में रैलियां करेंगे।
 
जम्मू-कश्मीर राइफल्स की बहादुरी के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस रेजीमेंट की स्थापना 1820 में जम्मू में की गई और इसने जनरल जोरावर सिंह की अगुवाई में तिब्बत, गिलगित, यासीन, दरेल, हुंजा-नगर, चिलास और चित्राल जैसे क्षेत्रों पर कब्जा करके अपनी बहादुरी और बलिदान की शानदार मिसाल कायम की।
 
'अग्निवीर योजना' का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत पहले एक लिखित परीक्षा होगी और लिखित परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को ही शारीरिक तथा मेडिकल जांच के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना अपने पूर्व सैनिकों को करियर के विकल्प उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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