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Last Updated :अहमदाबाद , बुधवार, 17 सितम्बर 2014 (22:21 IST)

शी की भारत यात्रा शुरू, गुजरात में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर

शी की भारत यात्रा शुरू, गुजरात में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर - Shi Jinping
अहमदाबाद। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह प्रदेश से भारत यात्रा शुरू की । इस दौरान भारत और चीन ने गुजरात से संबंधित तीन विशिष्ट समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
शी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एयर चाइना के एक विशेष विमान से यहां हवाई अड्डा पहुंचे। इसके बाद उनका शानदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत में यहां विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए थे जो चीनी, गुजराती और अंग्रेजी भाषा में थे।

शी की तीन दिवसीय यात्रा का उद्देश्य व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना है। इसके अलावा दोनों देश सीमा विवाद सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। आज ही मोदी का 64वां जन्मदिन भी है।
 
मोदी और शी ने कुछ देर के लिए मुलाकात की और कल दिल्ली में उनके बीच विस्तृत चर्चा होगी। मोदी और शी की मौजूदगी में तीन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके पहले प्रधानमंत्री ने चीनी नेता और उनकी पत्नी फेंग लियूआन का हयात होटल के प्रवेश पर स्वागत किया। मोदी ने दंपति को गुलदस्ते भेंट किए। इस मौके पर लियूआन ने घुटनों तक लंबाई वाले हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहने थे।
 
अपनी भारत यात्रा की शुरुआत के लिए शी के प्रोटोकाल से अलग हटकर गुजरात को चुनने को कई लोग दोनों नेताओं के बीच मधुर संबंधों के संकेत के तौर पर देख रहे हैं। दंपति के अहमदाबाद हवाई अड्डा उतरने पर गार्ड ऑफ ऑनर के अलावा पारंपरिक गुजराती नृत्य भी पेश किया गया। 
 
अधिकारियों ने बताया कि इन समझौतों में चीन के गुआंगझाउ शहर तथा अहमदाबाद के बीच सिस्टर सिटी समझौता और राज्य में औद्योगिक पार्को की स्थापना से जुड़ा करार शामिल है। इसके साथ ही दोनों प्रांतों के बीच सांस्कृतिक एवं सामाजिक संबंधों के विकास के लिए गुजरात सरकार और गुआंगदोंग प्रांत की ओर से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
 
औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए समझौते पर चाइना डेवलपमेंट बैंक और गुजरात सरकार के इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो ने हस्ताक्षर किए। इसमें द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने तथा राज्य में औद्योगिक पार्कों की स्थापना, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक उत्पादों के लिए परिकल्पना की गई है।
 
अधिकारियों ने कहा कि इन तीन एमओयू से गुजरात और चीन के बीच सेवाओं और विचारों का आदान प्रदान सुगम हो सकेगा। इस मौके पर मोदी तथा शी के अलावा मुख्यमंत्री आनंदी पटेल और उनके कैबिनेट सहयोगी, चीनी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तथा गुजरात के कई प्रमुख उद्योगपति भी मौजूद थे।
 
मोदी चीन के राष्ट्रपति के साथ अहमदाबाद के आश्रम रोड पर स्थित साबरमती आश्रम भी गए और चीनी नेता को इसके ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया। यह महात्मा गांधी का आश्रम था। बाद में दोनों साबरमती रिवरफ्रंट गए जहां भारत यात्रा पर आए गणमान्य लोगों का गुजराती परंपराओं और संस्कृति के साथ स्वागत किया गया। 
 
इस मौके पर प्रसिद्ध गरबा नृत्य भी आयोजित किया गया। शी की यात्रा लद्दाख के देमचौक इलाके में नए गतिरोध के बीच ऐसे समय हो रही है, जब खबर है कि चीनी खानाबदोशों ने वहां चीनी सैनिकों की मदद से भारतीय क्षेत्र के अंदर सिंचाई नहर के लिए जारी कार्य के खिलाफ विरोध में तंबू खड़े कर लिए।
 
मोदी और शी की आमने सामने की संक्षिप्त बैठक हुई। दोनों कल दिल्ली में विस्तृत चर्चा करेंगे। इसके बाद दोनों पक्षों के कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की संभावना है। उन समक्षौतों से रेलवे तथा औद्योगिक पार्कों सहित विभिन्न क्षेत्रों में चीनी निवेश मुहैया हो सकेगा।
 
इस यात्रा में आर्थिक और व्यापार मुद्दों पर जोर दिए जाने की चर्चा के बीच शी के रेलवे, विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चीनी निवेश की घोषणा करने की संभावना है। मोदी की हालिया तोक्यो यात्रा के दौरान जापान ने 35 अरब डालर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई थी।
 
चीनी अधिकारियों का कहना है कि चीन भारतीय रेल के आधुनिकीकरण, औद्योगिक पार्कों की स्थापना और आधारभूत ढांचे से संबंधित बड़ी परियोजनाओं में 100 अरब डालर से 300 डॉलर के बीच निवेश की प्रतिबद्धता जता सकता है। 
 
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार संसार में सबसे ज्यादा है और यह मार्च में 3.95 ट्रिलियन अमेरिकी डालर की रिकार्ड उंचाई तक पहुंच गया था। चीन की योजना अगले पांच साल में विदेशों में 500 अरब अमेरिकी डालर का निवेश करने की है और उम्मीद है कि इसमें एक बड़ा हिस्सा भारत में निवेश किया जा सकता है। 60 वर्षीय शी के साथ स्टेट कांैसिलर यांग जीची, विदेश मंत्री वांग ई, वाणिज्य मंत्री गावो हुचेंग के अलावा कई उद्योगपति और अन्य नेता भी आए हैं।
 
शी की यात्रा के पहले भारत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इस यात्रा से दोनों देशों के हितों और चिंताओं का हल होगा। शी भारत की यात्रा पर आने वाले तीसरे चीनी राष्ट्रपति हैं। इसके पहले 2006 में हू जिन्ताओ और 1996 में जियांग जेमिन भारत की यात्रा पर आए थे। (भाषा)