पर्यावरणविद पचौरी की मुश्किलें बढ़ीं, यौन शोषण मामले में आरोप तय करने के आदेश
नई दिल्ली। द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व महानिदेशक आरके पचौरी की मुश्किलें शुक्रवार को उस समय बढ़ गईं जब साकेत की एक अदालत ने सहकर्मी के साथ छेड़छाड़ मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए।
महानगर मजिस्ट्रेट चारु गुप्ता ने पर्यावरणविद पचौरी पर सहकर्मी के साथ छेड़छाड़ मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया। पचौरी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला का शील भंग करना), 354 (ए) यौन उत्पीड़न और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने पचौरी को कुछ अन्य धाराओं से बरी कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
पचौरी की एक पूर्व सहयोगी ने 13 फरवरी 2015 को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद फरवरी 2016 में एक अन्य महिला ने भी पचौरी पर ऐसे ही आरोप लगाए थे।
अदालत के आरोप तय करने के आदेश देने के बाद पीड़िता ने वहां मौजूद मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले को आगे ले जाना इतना आसान नहीं था। पीड़िता ने कहा कि पचौरी के खिलाफ लड़ते हुए आज उसे बड़ा सुकून मिला है।
पीड़िता सितंबर 2013 में टेरी से जुड़ी थी। उसका आरोप है कि टेरी से जुड़ने के कुछ समय बाद पचौरी की तरफ से उसे ई-मेल और वाट्सएप पर भद्दे और अश्लील संदेश मिलने लगे। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने के बाद पचौरी ने अपने पद का दुरुपयोग किया। निचली अदालत में मामला जब भी सुनवाई के लिए आता था तो पचौरी इसके खिलाफ उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय चले जाते थे।