दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता बोलीं, प्रवेश वर्मा और मेरा रिश्ता भाई बहन जैसा
गुप्ता ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री की कुर्सी किसके पास है। उन्होंने प्रवेश वर्मा के साथ मिलकर दिल्ली के लिए दिवंगत भाजपा नेता (साहिब सिंह वर्मा) के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।
Rekha Gupta's statement about Pravesh Verma: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि कैबिनेट सहयोगी प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) के साथ उनका रिश्ता भाई-बहन जैसा है। प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत साहिब सिंह वर्मा (Sahib Singh Verma) के बेटे हैं। गुप्ता ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री की कुर्सी किसके पास है। उन्होंने प्रवेश वर्मा के साथ मिलकर दिल्ली के लिए दिवंगत भाजपा नेता (साहिब सिंह वर्मा) के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।
रेखा गुप्ता ने साहिब सिंह वर्मा की 82वीं जयंती पर मुंडका में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। गुप्ता ने कहा कि प्रवेश वर्मा को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता था और मुझे मंत्री, अगर ऐसा होता तब भी चीजें मेरे लिए वैसी ही होतीं। रेखा गुप्ता ने कहा कि भारतीय समाज में परंपरागत रूप से बड़ी बहन को पहले जिम्मेदारी दी जाती है। साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर खुशी जताई कि 'बहन' अब दिल्ली की मुख्यमंत्री है और 'भाई' मंत्री है।
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भाजपा ने आप के 10 साल के शासन को समाप्त कर दिया : भाजपा ने 5 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के शासन को समाप्त कर दिया और 26 साल से अधिक समय के बाद राजधानी में सरकार बनाई। 8 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था।
प्रवेश वर्मा के साथ बैठीं गुप्ता ने कहा कि उनका और भाजपा नेता का भाई-बहन का रिश्ता है। साथ ही कहा कि साहिब सिंह वर्मा के दोनों बच्चों में से एक मुख्यमंत्री हैं और दूसरा मंत्री। गुप्ता ने दिल्ली के विकास में दिवंगत नेता के योगदान की भी प्रशंसा की तथा उनके कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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हम भाई-बहन की तरह मिलकर काम करेंगे : गुप्ता ने कहा कि साहिब सिंह वर्मा के अधूरे काम को आगे बढ़ाने के लिए हम भाई-बहन की तरह मिलकर काम करेंगे। एक घटना को याद करते हुए गुप्ता ने कहा कि जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं तो उस समय मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह ने उन्हें बधाई देने और प्रोत्साहित करने के लिए फोन किया था।
दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं के लिए अपने पिता के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य ऐसे कार्य करना है, जो न केवल 5 वर्षों के लिए, बल्कि अगले 50 वर्षों के लिए लाभकारी हों। मुंडका गांव में 15 मार्च 1943 को जन्मे साहिब सिंह वर्मा 27 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। उनका 30 जून 2007 को 64 वर्ष की आयु में निधन हुआ।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta