रैपिड एक्शन फोर्स भी जम्मू-कश्मीर पहुंची, जानिए इस दंगा नियंत्रक फोर्स की 5 बातें
जम्मू। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। दहशत और अफरातफरी के माहौल के बीच रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की टीम भी शनिवार को जम्मू पहुंच गई। राज्य में सुरक्षाबल हाईअलर्ट पर है। आइए जानते हैं रैपिड एक्शन फोर्स से जुड़ी 5 खास बातें...
- रैपिड एक्शन फोर्स का गठन अक्टूबर 1992 में सीआरपीएफ की 10 बटालियनों से हुआ था। इसका मुख्य कार्य दंगे और दंगों जैसी स्थितियों से निपटना है।
- संकट की स्थिति उत्पन्न होने पर आरएएफ बिना समय गंवाए, कम से कम वक्त में घटनास्थल पर पहुंचती है और सामान्य जनता को अहसास कराती है कि वे सुरक्षित है।
- स्थिति को ज्यादा भली-भांति और अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आरएएफ में महिला कर्मियों को भी शामिल किया गया है। महिला सुरक्षाकर्मी वहां तैनात की जाती है जहां आरएएफ को महिला प्रदर्शनकारियों से निपटना होता है।
- RAF में एक टीम को निरीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा कमांड किया जाता है। इस बल को दंगा नियंत्रण, आंसू गैस के गोले छोड़ने और आग से निपटने में महारत हासिल है।
- रैपिड एक्शन फोर्स को एक अलग झंडे का अधिकार प्राप्त है। यह झंडा शांति का प्रतीक है। इसे अक्टूबर 2003 में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने RAF को सौपा था।