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Last Updated : गुरुवार, 10 जून 2021 (19:43 IST)

JNU : लाइब्रेरी में तोड़फोड़, छात्रों पर मारपीट और कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप

JNU : लाइब्रेरी में तोड़फोड़, छात्रों पर मारपीट और कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप - police registered a case under epidemic act against students entering jnu library-scuffle with guards in delhi
नई दिल्ली। 8 जून को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) स्थित भीमराव अंबेडकर लाइब्रेरी के गार्ड के साथ छात्रों की हाथापाई हुई थी। इसमें लाइब्रेरी के दरवाजे का कांच तोड़कर छात्र अंदर घुसे थे, ऐसा दावा किया गया है। खबरों के मुताबिक गार्ड से भी मारपीट की गई। मीडिया खबरों के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण पुस्तकालय बंद है। कुछ छात्र चाहते थे कि पुस्तकालय खोला जाए ताकि वे पढ़ सकें। 
 
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने आरोप लगाया कि छात्रों के एक समूह ने सेंट्रल लाइब्रेरी में घुसकर कर्मचारियों के साथ हाथापाई की, जिसके बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
 
विश्वविद्यालय ने आरोप लगाया कि ये छात्र बीते दो दिन से पुस्तकालय पर कब्जा किए हुए हैं। पुलिस ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार घटना 8 जून को हुई और विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी की शिकायत पर बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।
 
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) इंगित प्रताप सिंह ने कहा कि 'शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188, दिल्ली आपदा प्रबंधन अधिनियम व सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम के तहत मामला दर्ज किया गया।'
 
पुलिस ने कहा कि अभी इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। छात्रों और पुस्तकालय प्रमुख के बीच इस संबंध में बैठक भी हुई है। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, 'इस घटना ने पुस्तकालय के कर्मचारियों और यहां तक कि छात्रावासों में रहने वाले अन्य छात्रों के लिए खतरा पैदा कर दिया है।'
 
विश्वविद्यालय ने कहा कि 'छात्रों के एक समूह ने 8 जून को सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई की और कांच का दरवाजा तोड़कर बी आर अंबेडकर पुस्तकालय के अंदर घुस गए। तब से पुस्तकालय पर कब्जा कर रखा है। बयान में कहा गया है कि छात्रों ने रात में भी पुस्तकालय खाली नहीं किया।
 
हिंसा से किया इंकार : विश्वविद्यालय के एक छात्र ने बताया, 'पुस्तकालय काफी समय से नहीं खुला है, जिससे पीएचडी के छात्र आक्रोशित हो थे। उन्हें अपने प्रोजेक्ट जमा कराने हैं, छात्र अभी भी चिंतित हैं और उन्हें पुस्तकालय में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। छात्र पुस्तकालय में घुसे तो थे लेकिन कोई हिंसा नहीं हुई।
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