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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 9 जून 2024 (00:10 IST)

PM Modi Oath Ceremony : नरेंद्र मोदी आज लेंगे PM पद की शपथ, दिल्ली में कड़ी सुरक्षा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खरगे को भी आमंत्रण

PM Modi Oath Ceremony :  नरेंद्र मोदी आज लेंगे PM पद की शपथ, दिल्ली में कड़ी सुरक्षा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खरगे को भी आमंत्रण - PM Narendra Modi Oath Ceremony today
PM Modi Oath Ceremony :  नरेन्द्र मोदी रविवार को गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसे लेकर दिल्ली में कड़ी सुरक्षा की गई है। भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA ) सरकार के दो पूर्ण कार्यकालों के बाद इस बार चुनावों में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। मीडिया खबरों के मुताबिक कार्यक्रम लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण दिया गया है। हालांकि, मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से कहा गया है कि इस निमंत्रण पर वे आज फैसला लेंगे। 
मोदी (73) प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे नेता होंगे। नेहरू एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो स्वतंत्रता के बाद लगातार तीन चुनावों के बाद भी इस पद पर बने रहे।  नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 के आम चुनावों में जीत हासिल की थी। भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के नेताओं के अलावा गणमान्य व्यक्तियों और विशेष आमंत्रितों के भी राष्ट्रपति भवन में शाम सवा सात बजे प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की उम्मीद है।
 
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने समारोह के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
 
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है।”
क्षेत्रीय समूह दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जब उन्होंने भाजपा की जबर्दस्त चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था।
 
मोदी जब 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में ‘बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल’ (बिम्सटेक) देशों के नेताओं ने भाग लिया था। इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को भी आमंत्रित किया गया है। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज र्मिनस-सोलापुर वंदे भारत ट्रेन की पायलट सुरेखा यादव भारतीय रेलवे के उन 10 लोको पायलट में शामिल हैं जिन्हें आमंत्रित किया गया है।
 
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मेहमानों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं, जिनमें शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रिपरिषद और वीवीआईपी के लिए निर्धारित प्रांगण भी शामिल हैं। राष्ट्रपति भवन ने भव्य समारोह के लिए तैयारियों की तस्वीरें साझा कीं, जहां समारोह के लिए कुर्सियां, लाल कालीन और अन्य साज-सज्जा की गई हैं। दिल्ली पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर सुरक्षा बढ़ा दी है तथा समारोह के लिए 9 और 10 जून को राष्ट्रीय राजधानी को उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
 
ममता नहीं होंगी शामिल : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी इस समारोह में शामिल नहीं होगी। बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि न तो हमें कोई निमंत्रण मिला है और न ही हम इसमें शामिल हो रहे हैं।
कैसे हुआ बंटवारा : ऐसा माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय भाजपा के पास रहेंगे, जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं।
ये नेता बन सकते हैं मंत्री : पार्टी के भीतर जहां शाह और सिंह जैसे नेताओं का नए मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर और सर्बानंद सोनोवाल सरकार में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं।
 
सूत्रों ने बताया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, जद(यू) के ललन सिंह, संजय झा और राम नाथ ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान उन सहयोगियों में शामिल हैं जो नयी सरकार का हिस्सा हो सकते हैं। जद(यू) कोटे से सिंह या झा को शामिल किया जाएगा।
 
महाराष्ट्र, जहां भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा है, और बिहार, जहां विपक्ष ने वापसी के संकेत दिए हैं, सरकार गठन की कवायद के दौरान केंद्र में रह सकते हैं। महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि बिहार में अगले साल चुनाव होंगे। भाजपा के संगठन में होने वाले बदलाव भी पार्टी के मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देते समय चयनकर्ताओं के मन में होंगे।
 
लोकसभा चुनावों के कारण नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था, और संगठनात्मक अनिवार्यताएं पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होगा, क्योंकि चुनाव परिणामों ने संकेत दिया है कि हो सकता है कि उसकी विशाल मशीनरी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
 
सूत्रों ने कहा कि इससे पार्टी में किसी अनुभवी व्यक्ति को भेजे जाने और नड्डा को सरकार में स्थान दिए जाने की संभावना भी बनी हुई है। मतदाताओं के एक वर्ग, विशेषकर अनुसूचित जातियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों का पार्टी से दूर चले जाना भी सरकार गठन में एक निर्णायक कारक हो सकता है, हालांकि मोदी ने अपने कार्यकाल में उनके सापेक्ष प्रतिनिधित्व को बढ़ाने पर जोर दिया था।
 
नेहरू से तुलना पर कांग्रेस ने उठाया सवाल : कांग्रेस ने हालांकि दावा किया कि ये परिणाम मोदी की “नैतिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत हार” हैं और नेहरू के साथ तुलना पर सवाल उठाया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री को तीनों कार्यकालों में दो-तिहाई बहुमत मिला था।
 
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि नेहरू के पास “कोई चुनौती नहीं थी” और वे केवल “खुद से हार रहे थे”। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने रमेश की पोस्ट पर प्रतिक्रिया में ‘एक्स’ पर कहा, “वह ऐसे थे। अब बैठ जाइए। कल शपथ ग्रहण समारोह है। आप या तो राष्ट्रपति भवन में समारोह में शामिल हो सकते हैं या टीवी पर देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बीच, राहुल गांधी को सांत्वना दीजिए। उन्हें बताइए कि 99 से 240 बड़ा है।  इनपुट एजेंसियां
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