मन की बात में पीएम मोदी ने बताया, असम में कैसे महिलाओं ने कुपोषण को हराया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एक यूनिक प्रोजेक्ट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि असम के बोंगई गांव में आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वस्थ बच्चे की मां, कमजोर बच्चे की मां से मिलकर उन्हें जागरूक कर रही है। इसी जागरुकता से बच्चों में कुपोषण दूर हो रहा है।
कुपोषण के खिलाफ जंग : असम के बोंगई गांव में एक दिलचस्प परियोजना चलाई जा रही है, वो है - प्रोजेक्ट संपूर्णा। इस प्रोजेक्ट का मकसद है कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और इस लड़ाई का तरीका भी बहुत यूनिक है। इसके तहत एक आंगनवाड़ी केंद्र के एक स्वस्थ बच्चे की मां एक कुपोषित बच्चे की मां से मिलती है और पोषण से जुड़ी जानकारियां शेयर करती है। यानी एक मां दूसरी मां की मित्र बन जाती है। इस प्रोजेक्ट की मदद से एक साल में 90 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों का कुपोषण दूर हुआ।
तिरंगामय हुआ देश : उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं, एक चेतना की अनुभूति हुई है। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया।
अमृत महोत्सव के ये रंग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले। बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय गायक ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए।
बच्चों को दिखाए 'स्वराज' : उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अनसुने नायक-नायिकाओं की कहानी है 'स्वराज'। दूरदर्शन पर हर रविवार 'स्वराज' का रात 9 बजे प्रसारण होगा जो 75 सप्ताह तक चलने वाला है। मेरा आग्रह है कि आप इसे खुद भी देखें और अपने बच्चों को भी जरूर दिखाएं।
जन आंदोलन बना अमृत सरोवर का निर्माण : पीएम मोदी ने कहा कि 'मन की बात' में ही चार महीने पहले मैंने अमृत महोत्सव की बात की थी। उसके बाद अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासन जुटा, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग जुटे, देखते ही देखते अमृत सरोवर का निर्माण एक जन आंदोलन बन गया है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन इस गांव को मिला 4G internet : उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले, मैंने, अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में जोरसिंग गांव की एक खबर देखी। ये खबर एक ऐसे बदलाव के बारे में थी, जिसका इंतजार, इस गांव के लोगों को, कई वर्षों से था। दरअसल, जोरसिंग गांव में इसी महीने, स्वतंत्रता दिवस के दिन से 4G internet की सेवाएं शुरू हो गई हैं।