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Last Modified: शुक्रवार, 15 जून 2018 (09:32 IST)

कश्मीर में रमजान के बाद फिर ऑपरेशन ऑल आउट, होगा आतंकियों का सफाया

कश्मीर में रमजान के बाद फिर ऑपरेशन ऑल आउट, होगा आतंकियों का सफाया - Operation All out in Kashmir to clean terrorists
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में रमजान के बाद सेना एक बार फिर ऑपरेशन ऑल आउट शुरू कर सकती है। गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारी सुझाव के साथ इसके समर्थन में हैं कि खुफिया जानकारी आधारित अभियानों को बढ़ाया जाना चाहिए।
 
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आगामी अमरनाथ यात्रा के सिलसिले में प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एक बैठक बुलाई थी। इस दौरान रमजान के महीने में एकतरफा संघर्ष विराम के फायदे और नुकसान के बारे में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों तथा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के साथ चर्चा की गई।
 
उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि कार्रवाई स्थगित करने से आतंकवादियों को दोबारा एकजुट होने का मौका मिल गया है। वे और अधिक मुक्त होकर इधर से उधर घूमे हैं और युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए समझाने में भी कामयाब हुए हैं।
 
अधिकारियों ने यह भी बताया कि बैठक में यह भी बताया गया कि इस दौरान सुरक्षाबलों पर हमले बढ़े हैं। आज सेना के एक जवान का अपहरण कर लिया गया। इससे उनका हौसला बुलंद हुआ है। ये आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए खतरा बन सकते हैं क्योंकि कुछ आतंकवादी संगठनों ने रमजान के संघर्ष विराम को खारिज कर दिया है।
 
उन्होंने बताया कि हालांकि, गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारी अब भी इस संघर्षविराम के फायदे और नुकसान पर चर्चा कर रहे हैं और इस सुझाव के साथ इसे जारी रखने की वकालत की है कि सेना और सुरक्षाबलों को खुफिया सूचना आधारित कार्रवाई करने दी जाए।
 
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती राजग सरकार ने वर्ष 2000 में रमजान के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की पहल नहीं करने की घोषणा की थी।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में कहा था कि गोली या गाली से कश्मीर मसले का समाधान नहीं हो सकता है, इसका समाधान केवल कश्मीर के प्रत्येक व्यक्ति को गले लगाने से हो सकता है।  (भाषा)
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