नोट बंदी के फैसले पर फिर से विचार नहीं : वेंकैया नायडू
नई दिल्ली। विपक्ष की आलोचना और नोटबंदी का फैसला वापस करने की मांग के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि नोट बंद करने के फैसले पर फिर से विचार करने का सवाल ही नहीं उठता।
भाजपा की संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि फैसले पर दोबारा विचार करने का सवाल ही नहीं उठता। देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है। नायडू ने कहा, 'बैठक में सभी नोटबंदी के फैसले पर सहमत थे। सांसदों ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के लोग 'बड़े फायदे के लिए अस्थायी तकलीफें झेल रहे हैं।' इस मौके पर नायडू ने विपक्ष के आलोचनाओं को आधारहीन बताकर खारिज किया और कहा कि सरकार आरोपों का सही समय पर जवाब देगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने राजग दलों को बताया कि उच्च मूल्य के नोट बंद करने के कदम पर बचाव की मुद्रा में आने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस कदम का व्यापक समर्थन है और लोग बड़े लाभ के लिए मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
जिन नेताओं ने सरकार का समर्थन किया उनमें शिवसेना नेता आनंदराव अदसुल, लोजपा नेता रामविलास पासवान, शिअद नेता सुखदेव सिंह ढींढसा, आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा और तेदेपा नेता टी नरसिंहम शामिल थे। इसके साथ ही इसमें पूर्वोत्तर पार्टियों के नेता भी शामिल थे।
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘राजग के घटक दलों ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के तार्किक अंत तक पहुंचने तक उनके साथ खड़े रहेंगे। दलों ने इसके साथ ही उच्च मूल्य के नोट चलन से बाहर करने के निर्णय से लोगों को होने वाली परेशानियों के समाधान के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से उठाए गए कदम की प्रशंसा की।’
उन्होंने कहा, ‘यह सत्र लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के बारे में बताने का एक उपयुक्त मंच होगा और यह दिखाएगा कि कौन सी पार्टी भ्रष्टाचार के पक्ष में है और कौन उसके खिलाफ है।’ (भाषा)