मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. NGT on Buxa tiger reserve
Written By
Last Modified: रविवार, 5 जून 2022 (15:13 IST)

NGT का बड़ा फैसला, बक्सा टाइगर रिजर्व में सभी होटल, रेस्तरां बंद

NGT का बड़ा फैसला, बक्सा टाइगर रिजर्व में सभी होटल, रेस्तरां बंद - NGT on Buxa tiger reserve
कोलकाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित ‘बक्सा बाघ अभयारण्य’ में सभी होटल, लॉज और रेस्तरां या शिविर केंद्रों (कैंपिंग स्टेशन) को दो महीने के भीतर बंद करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने कहा कि वन गांवों को राजस्व गांव में बदलकर ऐसे क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती।
 
एनजीटी की पूर्वी पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य पर्यटन विभाग द्वारा संचालित एक सुविधा केंद्र को बंद करके व्याख्या केंद्र में बदला जाए और यदि यह काम दो महीने के भीतर नहीं किया गया, तो उसे नष्ट करना होगा।
 
अधिकरण ने 30 मई के अपने आदेश में जिक्र किया कि राज्य सरकार का रुख है कि वन क्षेत्र में होटल, रेस्तरां या शिविर केंद्रों की अनुमति नहीं है।
 
एनजीटी ने निर्देश दिया कि निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित प्रतिष्ठानों को ‘‘उचित प्रक्रिया के बाद दो महीने के भीतर बंद किया जाए और यह कराना राज्य पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), बक्सा बाघ अभयारण्य के क्षेत्र निदेशक और जिला मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी होगी।
 
राज्य ने अधिकरण को सूचित किया कि उसके द्वारा संचालित प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए हैं और निजी संस्थाओं द्वारा संचालित सुविधाओं को बंद करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
 
अधिकरण ने जिक्र किया कि बक्सा बाघ अभयारण्य में निजी स्वामित्व वाले 69 प्रतिष्ठान हैं, जबकि 20 प्रतिष्ठान पर राज्य का स्वामित्व है, जिनमें से कुछ अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र में हैं और कुछ जयंती नदी के तट पर हैं।
 
वन विभाग ने एनजीटी को पहले सूचित किया था कि इन लॉज की गतिविधियां उन क्षेत्रों तक सीमित हैं जो कभी ‘वन गांव’ थे और 2014 में ‘राजस्व गांव’ के रूप में नामित किए गए थे।
 
एनजीटी ने उसके 27 जून, 2017 के आदेश की समीक्षा के लिए राज्य पर्यटन विभाग द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि बक्सा में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित एक प्रतिष्ठान वन विभाग को सौंपा जाए। इसे पर्यावरण संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए व्याख्या सह प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाए।

अदालत ने कहा कि यदि दो महीने में ऐसा नहीं किया गया, तो इसे नष्ट कर दिया जाएगा। ऐसा करने की जिम्मेदारी अलीपुरद्वार जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है।
 
याचिकाकर्ता सुभाष दत्ता ने बक्सा बाघ अभयारण्य क्षेत्र में निजी और सरकारी पर्यटक लॉज और रेस्तरां को लेकर एनजीटी का रुख किया था। पर्यावरणविद दत्ता ने आरोप लगाया कि पर्यटन के नाम पर वर्तमान में सैकड़ों नए प्रतिष्ठान बन गए हैं, जिससे बक्सा में अत्यधिक पर्यटन हो रहा है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
नूपुर शर्मा के बयान से भाजपा ने बनाई दूरी, कहा- किसी भी धर्म का अपमान स्वीकार नहीं