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Last Modified: शनिवार, 3 मार्च 2018 (21:01 IST)

विकास की शक्ल में ब्याज समेत लौटाएंगे पूर्वोत्तर का आशीर्वाद : मोदी

विकास की शक्ल में ब्याज समेत लौटाएंगे पूर्वोत्तर का आशीर्वाद : मोदी - Narendra Modi, North Eastern Legislative Assembly
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के चुनाव परिणामों को केन्द्र सरकार की कार्यशैली एवं पार्टी संगठन की शक्ति के सहारे लोगों का विश्वास जीतने में कामयाबी का प्रमाण बताते हुए शनिवार को कहा कि वह पूर्वोत्तर की जनता के प्यार एवं आशीर्वाद को ब्याज समेत विकास की शक्ल में वापस करेंगे।


मोदी ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मैंने ऐसा सुना है कि भवन निर्माण के समय वास्तुशास्त्र के जानकार लोगों का फोकस उत्तर-पूर्व कोने पर होता है। इमारत का पूर्वोत्तर वाला कोना सबसे महत्वपूर्ण होता है। मुझे खुशी है कि देश का उत्तर-पूर्वी कोना विकास की यात्रा का नेतृत्व करने के लिए आगे आया है।

उन्होंने कहा, हम जब भी प्रचार के लिए पूर्वोत्तर गए तो हमने कहा था कि आप जो प्यार और आशीर्वाद दे रहे हैं, हम ब्याज समेत लौटाएंगे। आज भी कह रहे हैं कि आपके प्यार और आशीर्वाद को विकास की शक्ल में ब्याज के साथ लौटाएंगे। तभी चैन से बैठेंगे।

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के राज का खुलासा करते हुए कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद 2014 में दिल्ली में पूर्वोत्तर के बच्चों के साथ अत्याचार का मामला उठा था। तब गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सक्रियता से कदम उठाए थे और उन बच्चों के साथ नियमित बैठकें करके उनमें विश्वास कायम किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस में पूर्वोत्तर के लोगों की भर्ती का कोटा तय किया गया। यह पूर्वोत्तर को पहला राजनीतिक संदेश था कि दिल्ली में ऐसी सरकार आ गई है, जो उनकी परवाह करती है।

उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार के समय गठित पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग को सक्रिय किया गया और यह मंत्रालय मोबाइल बनाया गया। हर माह इस विभाग का सचिवालय किसी एक राज्य में कुछ दिन के लिए रहता है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद 2014 तक केन्द्रीय मंत्रियों के जितने दौरे वहां हुए, उतने दौरे 2014 से अब तक मात्र चार साल में हो चुके हैं। हर पखवाड़े एक केन्द्रीय मंत्री वहां किसी जिले में 24 घंटे गुजारता है।

मोदी ने कहा, पूर्वोत्तर के लोगों को लगता था कि दिल्ली दूर है लेकिन हमने दिल्ली को उनके दरवाज़े पर जाकर खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों में जो एलिनिएशन (विलगाव) का भाव था, उसे खत्म करने का बीड़ा उठाया और चुपचाप काम करते रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संगठन की शक्ति के आधार पर जनसंपर्क के माध्यम से लोकतंत्र में जनता को अपनी बात समझाना और उस पर जनता का समर्थन हासिल करना साधारण बात नहीं है। पूर्वोत्तर के चुनाव में भाजपा की विजय यात्रा से राजनीतिक विश्लेषकों को दो बातें समझनी चाहिए। पहली जनसामान्य के बीच पहुंचकर और उन्हें सही बात बताकर चुनाव जीता जा सकता है तथा दूसरी बात संगठन की शक्ति से राजनीतिक परिवर्तन लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा का संगठन स्थानीय कार्यकर्ताओं को सर्वाधिक तवज्जो देता है। देश में अगर सभी विधानसभाओं में सदस्यों की औसत आयु देखी जाए तो त्रिपुरा की औसत आयु सबसे कम होगी। यहां की 'राजनीतिक बालसेना' ने कमाल कर दिया। त्रिपुरा के चुनावों के बहाने वामपंथी हिंसा की राजनीति पर करारा प्रहार करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश में बंगाल, केरल, कर्नाटक, त्रिपुरा में विगत छह माह में करीब दो दर्जन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुईं हैं।

उन्होंने कहा, जिनमें लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने का सामर्थ्य नहीं है, वे हिंसा पर उतारू हो जाते हैं, लेकिन हम चुप रहे क्योंकि हम अगर कोई कदम उठाते तो वे कहते हैं कि वेन्डेटा (प्रतिशोध) है। पर हम कहते हैं कि मेन्डेटा (जनादेश) है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के परिणामों ने भय एवं भ्रम की राजनीति को ध्वस्त कर दिया है। भय एवं भ्रम फैलाने वालों को सबसे अच्छा जवाब मतदाता देता है और त्रिपुरा की जनता ने दे दिया है।

मोदी ने कहा कि संपूर्ण परिवर्तन एवं पूर्णता के लिए अक्सर '360 डिग्री' का प्रयोग किया जाता है यानी हर पहलू की जांच परख के बाद एकदम पुख्ता होना। उन्होंने त्रिपुरा, कर्नाटक, बंगाल, केरल के शहीद भाजपा कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे 360 डिग्री पर पहुंचने का संकल्प लें।

मोदी ने पार्टी की संगठन शक्ति तैयार करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि शाह ने सीमित संसाधनों के बावजूद ऐसा करके दिखाया है। मोदी ने कहा कि उन्होंने विद्यार्थी जीवन से ही शाह की संगठन क्षमता देखी है और उनके नेतृत्व में सफलता-दर-सफलता आते देख गर्व का अनुभव होता है। (वार्ता)