जानिए... अब तक कितनी बार भावुक हुए मोदी...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कड़े फैसले लेने में जितने सख्त हैं, उतने ही भावुक भी हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद कई बार ऐसे मौके आए जब मोदी भावुक हो गए। कई बार तो उनकी आंखें ही बरस पड़ीं। आइए, जानते हैं कि कब कब भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी...
* 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद 13 नवंबर को गोवा में भाषण देते नरेन्द्र मोदी भावुक हो गए। बोले- मैंने घर-परिवार, सब देश के लिए छोड़ दिया। यह बोलते वक्त मोदी को बमुश्किल अपने आंसू रोक पाए।
* जनवरी 2016 में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र रोहित वेमुला की मौत का जिक्र करते वक्त भी मोदी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि एक मां ने अपना बेटा खोया है, इसका दर्द वह महसूस कर सकते हैं।
* नवंबर 2015 में संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान भी मोदी भावुक हुए थे। बाबा साहब अंबेडकर का जिक्र करते वक्त उनकी आंखें भर आई थीं।
* सितंबर 2015 में अमेरिका यात्रा के दौरान जब मोदी फेसबुक हेडक्वॉर्टर में मार्क जुकरबर्ग के सवालों के जवाब दे रहे थे, तब अपनी मां से संबंधित सवाल का जवाब देते वक्त उनकी आंखें भर आई थीं। मां के संघर्ष के बारे में बताते-बताते वे भावुक हो गए थे।
* मई 2015 में मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी बंगाल दौरे के समय पहली बार बेलूर मठ गए थे। वहां जब उनके लिए स्वामी विवेकानंद का कमरा खोला गया तो वे भावुक हो उठे थे। गौरतलब है कि मोदी जब युवावस्था में साधु बनना चाहते थे, तब इसी मठ ने तीन बार उनकी अपील को नामंजूर कर दिया था।
* मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी के लिए गुजरात विधानसभा में विशेष सत्र रखा गया था। इसमें मोदी ने विदाई भाषण में विपक्ष की भी तारीफ की थी। जब विपक्ष के नेता उन्हें शुभकामनाएं दे रहे थे, तब मोदी भावुक हो गए थे।
* लोकसभा चुनाव के बाद मई 2014 में भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद संसद के सेंट्रल हाल में लालकृष्ण आडवाणी के बयान (नरेंद्र भाई ने कृपा की) का जिक्र करते हुए मोदी के आंसू छलक पड़े थे। उन्होंने रुंधे गले से कहा था कि वह (आडवाणी) कृपा शब्द का प्रयोग न करें। मां की सेवा कभी कृपा नहीं होती। मेरे लिए भाजपा मां के समान है।