OIC के बयान पर नकवी का पलटवार, कहा- भारत मुसलमानों के लिए स्वर्ग
नई दिल्ली। मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंता प्रकट किए जाने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि भारत मुसलमानों के लिए स्वर्ग है और जो लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, वो मुस्लिम समुदाय के दोस्त नहीं हो सकते।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों का विकास हो रहा है और इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है।
मंत्री ने यह टिप्पणी उस वक्त की है, जब ओआईसी ने गत रविवार को भारत से अनुरोध किया था कि वह अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने और देश में 'इस्लामोफोबिया' (इस्लाम धर्म के प्रति पूर्वाग्रह) की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए।
नकवी ने कहा कि एक बात साफ है कि धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव भारतवासियों के लिए राजनीतिक फैशन नहीं, बल्कि जुनून है। यह हमारे देश की ताकत है। इसी ताकत ने देश के अल्पसंख्यकों सहित सभी लोगों के धार्मिक, सामाजिक अधिकार सुरक्षित हैं। मंत्री ने कहा कि भारत, मुसलमानों और सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्वर्ग है।
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण के बिना सशक्तीकरण की भावना के साथ सबको विकास में जोड़ा जा रहा है। नकवी के मुताबिक संकट के समय में भी कुछ लोग दुष्प्रचार और फर्जी खबरों के माध्यम से देश की इस ताकत को कमजोर करने की साजिश में लगे हुए हैं।
मंत्री के मुताबिक देश का माहौल खराब कर रहे लोग भारतीय मुसलमानों के दोस्त नहीं हो सकते और फेक न्यूज एवं भड़काऊ बातों और अफवाह फैलाने वाले साजिश-षड्यंत्र से हमें होशियार रहना चाहिए। मोदी के नेतृत्व में भारत में सभी नागरिकों की सेहत-सलामती के लिए काम हो रहा है। इस तरह की साजिश से कोरोना के खिलाफ देश की सामूहिक जंग को कमजोर नहीं होने देना है।
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर धर्म-क्षेत्र-जाति की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठकर कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
रमजान में लोगों से घर पर इबादत और इफ्तार करने की अपील करते हुए नकवी ने कहा कि देश के सभी मुस्लिम धर्मगुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त रूप से कुछ दिनों में शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही रहकर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है। (भाषा)