दिल्ली के मैक्स अस्पताल का लाइसेंस निरस्त
नई दिल्ली। जिंदा शिशु को मृत बताए जाने के मामले में उत्तर पश्चिम दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लाइसेंस दिल्ली सरकार ने रद्द कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि नवजात शिशु को मृत बताने वाले शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और इस तरह की लापरवाही कतई स्वीकार्य नहीं है।
यह मामला 30 नवंबर का है और इसके सामने आने के बाद सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था जिसकी दो दिन पहले प्रारंभिक रिपोर्ट में अस्पताल की लापरवाही सामने आई थी।
जैन ने बताया कि इस मामले की अंतिम रिपोर्ट आ गई है जिसमें अस्पताल की लापरवाही पाई गई है। आपराधिक लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अस्पताल को पहले भी नोटिस भेजे गए और इसकी तीन गलतियां पाई गई थीं।
अस्पताल को 'आदतन अपराधी' बताते हुए जैन ने कहा कि यहां अब नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे। अस्पताल चाहे तो पुराने मरीजों का उपचार जारी रख सकता है या उन्हें और कहीं शिफ्ट कर सकता है।
क्या कहा अस्पताल ने : अस्पताल ने कहा है कि यह फैसला काफी कठोर है और हमें अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। साल 2011 में मैक्स अस्पताल दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट 1953 के तहत रजिस्टर हुआ था। इस एक्ट के तहत किसी भी अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार दिल्ली सरकार को है। लाइसेंस रद्द होने के बाद अस्पताल की ओपीडी सेवाएं भी नही चल सकती हैं।
हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा है कि अस्पताल वर्तमान में भर्ती मरीजों का इलाज कर सकता है। हालांकि नए मरीजों की भर्ती पर पूरी तरह रोक रहेगी। इस बीच, आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार के इस फैसले को गलत बताया है।