ललित मोदी ने कहा कि भारत में मेरी जान को खतरा
पूर्व आईपीएल कमिश्नर को लेकर देश की राजनीति में भूचाल आ गया है। ललित मोदी को विदेश भेजे जाने की सिफारिश करने पर विपक्ष ने सुषमा स्वराज हो आड़े हाथों ले लिया है और लगातार उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। ललित मोदी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है और कई खुलासे किए हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित अन्य नेताओं के साथ अपने संबंधों पर उठे विवाद पर पहली बार बोलते हुए ललित मोदी ने कहा कि मैं कभी भारत नहीं लौटूंगा, भारत में मेरी जान को खतरा है। उन्होंने भारत की न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि यहां इंसाफ नहीं मिलता।
उन्होंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है। मोदी ने कहा कि भारत में ना मेरे ऊपर कोई आरोप है ना कोई जांच चल रही है।
1700 करोड़ के फेरा उल्लंघन मामले के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं प्रवर्तन निदेशालय को चुनौती देता हूं कि वह इसे साबित करके दिखाए। मोदी ने आगे कहा कि उनके कई नेताओं और मंत्रियों से संबंध हैं।
उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज उनकी पारिवारिक मित्र हैं। जब उनसे आईपीएल के करोड़ों से भ्रष्टाचार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बोर्ड के जो भी लेन-देन वाले मामले होते थे वे सामूहिक स्तर पर लिए जाते थे।
मेरे किसी भी चेक पर हस्ताक्षर नहीं है। मैं चेयरमेन था जबकि लेन-देन की जिम्मेदारी कोषाध्यक्ष की होती है। अगर मैं दोषी हूं और फंसता हूं तो बोर्ड के सदस्य अपने आपको कैसे निर्दोष बता सकते हैं। तत्कालीन पदाधिकारी चाहे वह अरुण जेटली हो, श्रीनिवासन हों सभी दोषी सिद्ध हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि लंदन के अखबार संडे टाइम्स ने सुषमा स्वराज का मुद्दा उठाया है। उन्होंने बताया कि आईपीएल के दौरान संडे टाइम्स के चेयरमेन रूपमाडो ने भारत सरकार के साथ 6 हजार करोड़ रुपए का अनुबंध किया था।
इससे जहां भारत सरकार को 6 हजार का घाटा होता तो उतना ही फायदा रूपमाडो को होता लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, इसलिए संडे टाइम्स ने इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया और इसे उछाला ललित मोदी ने कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की, हमेशा नियमों का पालन किया है।