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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :श्रीनगर , बुधवार, 22 अक्टूबर 2014 (00:23 IST)

कश्मीर में नहीं थमा 'आईएसआईएस' पर घमासान

कश्मीर में नहीं थमा 'आईएसआईएस' पर घमासान -
श्रीनगर। कश्मीर में आईएसआईएस के वजूद और मौजूदगी पर चल रहा घमासान अभी थमा नहीं है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि कश्मीर में आईएसआईएस का न ही कोई वजूद है और न ही मौजूदगी। पर सुरक्षा एजेंसियां मुख्यमंत्री के इस बयान से सहमत नहीं हैं। वे कहती हैं कि वे आईएसआईएस के मामले पर कोई रिस्क नहीं ले सकती। उनके मुताबिक आईएसआईएस का खतरा बहुत बढा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
 
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि शहर में आईएसआईएस का झंडा फहराने वालों में कोई भी आतंकवाद से जुड़ा नहीं है। उमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और आईएसआईएस का झंडा फहराने के सिलसिले में अब तक जितने भी लोगों की पहचान की गई है उनमें से कोई भी आतंकवाद से जुड़ा नहीं है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सेना ने इस मामले पर आवाज उठाई थी और कहा था कि यह चिंता का विषय है और  सुरक्षा की दृष्टि से इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
 
शहर के पुराने इलाके में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं ने आईएसआईएस का झंडा फहराया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने झंडा क्यों फहराया इसके बारे में पूछताछ पूरी होने के बाद ही पता चल सकेगा। पिछले पहले उमर ने इस घटना को कुछ मूर्ख लोगों द्वारा किया गया कार्य बताया था, जिसे मीडिया दुर्भाग्यवश तवज्जो दे रही है।
 
पिछले दिनों कई बार कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराने की खबरें आईं थी। इन घटनाओं के बाद कहा जाने लगा था कि आईएसआईएस ने भारत में दस्तक दे दी है। अब इस मुद्दे पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पिछले दिनों आईएसआईएस के झंडे लहराने की जो घटनाएं सामने आई थी उन झंड़ा लहराने वाले व्यक्तियों में किसी का भी संबंध किसी भी आतंकवादी संगठन से नहीं है।
 
उमर ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में जांच की है। इस जांच में उन्हें झंड़ा लहराने वाले अधिकांश लोगों की पहचान कर ली है। इनमें से किसी का भी संबंध किसी भी आतंकी ग्रुप से नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएसआईएस का झंडा लहराने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। 
 
सेना ने भी पुराने शहर क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं द्वारा आईएसआईएस झंडे के लहराते पर चिंता जताई थी। उमर ने कहा, इन हालात में उन्होंने झंडा क्यों लहराया इस बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इससे पहले भी उमर ने कहा था कि रियासत में आईएसआईएस का झंडा लहराना कुछ मूर्खों की अफसोसजनक करतूत है, रियासत में आईएसआईएस का कोई दखल नहीं है।
 
उमर ने कहा, ये आपको समझना होगा कि अब तक घाटी में आईएसआईएस से जुड़ा कोई समूह या संगठन नहीं पाया गया है, न ही ऐसी कोई खबर है। कुछ मूर्ख आईएसआईएस का झंडा लहरा दें इसका अर्थ ये नहीं है कि घाटी में आईएसआईएस मौजूद है। 
 
उमर ने कहा था कि मीडिया द्वारा इस मुद्दे को बिना बात का तूल देना सही नहीं है, सरकार इस बारे में अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश करके सच का पता लगा रही है। पर सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को हल्के से नहीं ले रही हैं। इसका परिणाम यह है कि राज्य की जनता के दिलोदिमाग पर अब आईएसआईएस का खतरा और दहशत मंडराने लगी है।