Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016 (15:34 IST)
कन्हैया को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें बड़ा झटकादिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कन्हैया को जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट में हुई मारपीट की सुनवाई को हरी झंडी दी है।
न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की खंडपीठ ने कन्हैया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोली सोराबजी और राजू रामचंद्रन की दलीलें सुनने के बाद कहा कि शीर्ष अदालत यदि सीधे इस मामले में हस्तक्षेप करती है तो इसका गलत संदेश जाएगा।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता को दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर करने का निर्देश देते हुए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से उसे पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को भी कहा है।
आज सुबह कन्हैया के समर्थकों ने बिहार में रेल रोकर उनकी रिहाई की मांग की थी।
इससे पहले गुरुवार को देश भर में कन्हैया के समर्थन में छात्रों ने रैलियां निकालीं जबकि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला।
कन्हैया कुमार की ओर से याचिका दाखिल करने वाली अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने याचिका में कहा है कि पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में वकीलों के एक समूह ने कन्हैया पर कथित रूप से हमला किया था। वहां का माहौल जमानत याचिका पेश करने के लिए उचित नहीं है।
कन्हैया ने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। उनकी जान को सुरक्षित रखने के लिए उच्चतम न्यायालय को दखल देने की जरूरत है।
जेएनयू के छात्र नेता ने कहा कि उन्हें जेल में बंद रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होने वाला, क्योंकि पुलिस उन्हें अदालत में पेश करने में भी मुश्किलों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।
कन्हैया कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।