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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 16 जनवरी 2017 (12:31 IST)

जवानों के वायरल वीडियो पर सख्‍त हुई सरकार, होगी समीक्षा

जवानों के वायरल वीडियो पर सख्‍त हुई सरकार, होगी समीक्षा - Jawan
नई दिल्ली। खराब खाने को लेकर जवान के वीडियो पर बीएसएफ सोमवार को गृह मंत्रालय को अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंप सकता है। बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने वीडियो बनाकर खाने को लेकर शिकायत की थी। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसे लाखों लोगों ने शेयर किया था।

 
मामले के प्रकाश में आने के बाद गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से रिपोर्ट मांगी थी। तेज बहादुर के वीडियो का असर ये हुआ कि और भी जवान वीडियो बनाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाने लगे। इन वीडियो में ज्यादातर मौकों पर शीर्ष अधिकारियों की शिकायत की गई। इस मामले को लेकर अब रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर आर्मी चीफ बिपिन रावत से बात करेंगे।
 
यही नहीं, सरकार ने सहायकों की समीक्षा के आदेश दिए हैं। अब अफसरों के घर तैनात सहायकों की समीक्षा होगी और सेना को हर महीने ऑडिट रिपोर्ट पेश करनी होगी। शिकायतों के निवारण के लिए सेना को आंतरिक रूप से भी अधिक पारदर्शी तंत्र का इस्तेमाल करना होगा। जवानों को भी सोशल मीडिया पर शिकायतें पोस्ट न करने की कड़ी चेतावनी दे दी गई है।
 
रविवार को जवानों की ओर से सोशल मीडिया में अपनी शिकायतों के वीडियो डालने से उत्पन्न विवाद पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सैनिकों को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि शिकायतों को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया उचित मंच नहीं है। यदि कोई जवान ऐसा करता है तो वह एक तरह से अपराध कर रहा है। उसे सजा मिल सकती है। इन हरकतों से देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले अन्य सैनिकों का मनोबल गिरता है। 
 
रविवार को थलसेना दिवस समारोह के दौरान जनरल रावत ने ड्यूटी के दौरान असाधारण साहस दिखाने वाले जवानों को वीरता पदकों से सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि शिकायतों को सुलझाने के लिए जवानों को उचित मंच मुहैया कराया गया है। यदि शिकायतकर्ता किसी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो वे मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। 
 
बात यह है कि हाल ही में कुछ जवानों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी पीड़ा जाहिर की थी। बीएसएफ जवान ने जहां खराब खाने की शिकायत की थी, वहीं सेना के जवान ने आरोप लगाया कि अफसर अपने कपड़े धुलवाने, जूते में पॉलिश करने और कुत्ते घुमाने के लिए मजबूर करते हैं।
 
आतंकवाद के मसले पर जनरल रावत ने कहा कि 2016 के आखिरी कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति काफी संवेदनशील हुई है, भले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा हो या नियंत्रण रेखा हो, हम उचित कार्रवाई करेंगे। हमारे जवान सभी मोर्चों पर प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। 
 
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से जारी छद्मयुद्ध के बावजूद भारत नियंत्रण रेखा पर शांति बहाल करना चाहता है, लेकिन हम संघर्षविराम उल्लंघन की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगे। जनरल रावत ने कहा कि भारत, चीन के साथ शांति चाहता है। दोनों पक्ष विश्वास बहाली उपाय अपना रहे हैं। (भाषा)
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