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Last Updated : मंगलवार, 3 अगस्त 2021 (00:12 IST)

Pegasus scandal : 'जासूसी कांड' में कोर्ट पहुंचे पत्रकार, याचिका पर 5 अगस्‍त को सुनवाई करेगा 'सुप्रीम कोर्ट'

Pegasus scandal : 'जासूसी कांड' में कोर्ट पहुंचे पत्रकार, याचिका पर 5 अगस्‍त को सुनवाई करेगा 'सुप्रीम कोर्ट' - Israeli spy software Pegasus case
नई दिल्ली। एक वरिष्ठ पत्रकार ने इसराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का उनके मोबाइल में उपयोग करने संबंधी मंजूरी और जांच से जुड़ी सामग्री का खुलासा करने के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने के अनुरोध के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ पेगासस मामले संबंधी तीन अलग-अलग याचिकाओं पर 5 अगस्त को सुनवाई करेगी।

इस मामले में 4 अन्‍य पत्रकारों ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा निगरानी के अनधिकृत उपयोग ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है और वे पेगासस स्पाइवेयर के उपयोग से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।

शीर्ष अदालत पहुंचने वाले वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता का नाम भी उस कथित सूची में सामने आया था जिन्हें पेगासस का उपयोग कर जासूसी के लिए निशाना बनाया गया। ठाकुरता ने उच्चतम न्यायालय से जासूसी सॉफ्टवेयर के उपयोग को गैर-कानूनी और असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया और कहा कि पेगासस की मौजूदगी का भारत में वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर 'गंभीर प्रतिकूल प्रभाव' पड़ेगा।

वरिष्ठ पत्रकार ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि वह केंद्र सरकार को पेगासस जैसे जासूसी सॉफ्टवेयर या साइबर हथियारों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का भी निर्देश दे।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ पेगासस मामले संबंधी तीन अलग-अलग याचिकाओं पर पांच अगस्त को सुनवाई करेगी। इनमें वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की याचिका भी शामिल है, जिसमें पेगासस मामले की मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इसराइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया था।
अपनी याचिका में ठाकुरता ने शीर्ष अदालत से केंद्र को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि वह निजता के हनन और हैकिंग की किसी भी शिकायत से निपटने के लिए न्यायिक निगरानी तंत्र स्थापित करे और ऐसे उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करे।

याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पास यह विश्वास करने का ठोस कारण है कि भारत सरकार या किसी अन्य तीसरे पक्ष ने उनकी गहन जासूसी की और हैकिंग के लिए निशाना बनाया।
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