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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 18 जनवरी 2017 (06:26 IST)

कानपुर ट्रेन हादसे में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का हाथ!

कानपुर ट्रेन हादसे में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का हाथ! - ISI behind Kanpur train accident, claim suspects
उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए रेल हादसे को लेकर जांच चल रही है। इस बीच हादसे के मामला में बड़ा खुलासा हुआ है। हादसे के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे के अलावा बिहार के घोड़ासाहन स्टेशन के नजदीक पिछले वर्ष मालगाड़ी और यात्री गाड़ी को दुर्घटनाग्रस्त करने की नाकाम साजिश रचने के पीछे भी आईएसआई का हाथ हो सकता है।
दरअसल बिहार पुलिस ने मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले से 3 संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तीन अपराधियों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि पिछले साल नवंबर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे की साजिश आईएसआई ने रची थी।
 
20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास हुए हादसे में करीब 150 लोगों की मौत हो गई थी।
 
पूर्वी चंपारण जिले के एसपी ने कहा, 'आदापुर थाना क्षेत्र से मोती पासवान, उमा शंकर पटेल और मुकेश यादव को गिरफ्तार किया गया है।' पकड़े गए अपराधी नेपाली नागरिक ब्रजेश गिरी के लिए काम करते थे। गिरी का कथित तौर पर आईएसआई से लिंक होने की बात सामने आई है।
 
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकारा कि पूर्वी चंपारण जिला के घोड़ासाहन में एक रेल पटरी को उड़ाने के लिए आईएसआई से जुड़े ब्रजेश गिरी नामक एक नेपाली नागरिक ने उन्हें तीन लाख रुपये दिए थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पटरी पर लगाए गए बम को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट होने के पूर्व बरामद कर लिया गया था और उसे निष्क्रिय कर दिया गया था। यह मामला एक अक्टूबर 2016 का है।
 
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की एक टीम गिरफ्तार किए गए तीनों अपराधियों से पूछताछ कर रही है तथा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) को भी उनकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है।
एसपी जीतेंद्र राणा ने कहा, 'एटीएस और अन्य सुरक्षा एजंसियों को इन अपराधियों के किए गए खुलासे से सूचित कर दिया गया है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं कानपुर और अन्य रेल हादसों में इन्हीं अपराधियों का ही हाथ तो नहीं है।'
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