एमटीसीआर में भारत नहीं रोकेगा चीन का रास्ता
नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के सोल में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के पूर्ण सत्र के दौरान भारत का इस समूह में प्रवेश बाधित करने वाले चीन को नई दिल्ली यह समझाने की कोशिश करेगी कि एक दूसरे के हितों और प्राथमिकताओं पर ध्यान देना द्विपक्षीय रिश्तों को आगे ले जाने का आधार होता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि इस सप्ताह के शुरू में एमटीसीआर का सदस्य बन चुका भारत चीन के साथ जैसे को तैसा व्यवहार करते हुए 35 देशों के इस समूह में उसका प्रवेश बाधित करेगा।
चीन का परोक्ष संदर्भ देते हुए स्वरूप ने कहा कि केवल एक देश ने भारत की कोशिश का विरोध किया जबकि अन्य देशों ने प्रक्रिया संबंधी मुद्दे उठाए। इसका मतलब यह नहीं है कि ये देश भारत के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि इन देशों के पास एनएसजी में भारत के प्रवेश को लेकर अलग समाधान था।
स्वरूप ने कहा कि बहरहाल, भारत उस देश को लगातार यह बताता रहेगा कि एक दूसरे के हितों, चिंताओं और प्राथमिकताओं के बारे में परस्पर सहमति के आधार पर ही रिश्ते आगे बढ़ते हैं। यह ऐसा मामला (एनएसजी की सदस्यता) है जिस पर हम चर्चा करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे क्योंकि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत का उद्देश्य सम्मिलन के क्षेत्र को व्यापक करना एवं रास्ते अलग करने वाले क्षेत्र को छोटा करना है। (भाषा)