विदाई के भावुक क्षणों में जब राज्यसभा में गूंज उठी हंसी...
नई दिल्ली। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को सदस्य उस समय अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब सभापति एम वेंकैया नायडू ने अपनी और दिवंगत जयपाल रेड्डी की एक विचित्र आदत के बारे में सदस्यों को बताया। उन्होंने कहा कि जब वह और रेड्डी आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य थे, उस दौरान उन्हें देखकर कई सदस्य अपनी कलम सामने से बगल की जेब में रख लिया करते थे क्योंकि दोनों को अन्य लोगों से कलम मांगने की आदत थी।
सभापति ने यह वाकया उस समय सुनाया जब उच्च सदन में सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई दी जा रही थी। इस मौके पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी शिवा ने विभिन्न सदस्यों को विदाई देते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का जिक्र किया।
शिवा ने कहा कि आनंद शर्मा अक्सर उनसे कलम मांगा करते थे। कल उन्होंने कलम ली और कहा कि अगले दिन से वह कलम नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि शर्मा की यह बात भावुक करने वाली थी। इस पर सभापति नायडू ने उनसे मजाकिया लहजे में सवाल किया कि 'आनंद शर्मा कलम लौटाते थे या अपने पास ही रख लेते थे...।
इसके जवाब में आनंद शर्मा ने कहा कि वह हमेशा कलम लौटा देते थे क्योंकि वह (शिवा) कलम का ढक्कन (कैप) अपने पास ही रख लेते थे। शिवा ने भी मजाकिया लहजे में कहा कि वह कैप रखकर ही कलम उन्हें देते थे।
इस पर नायडू ने कहा कि अपने शुरूआती राजनीतिक दिनों में जब वह और जयपाल रेड्डी विधानसभा सदस्य थे, तो वे दोनों कभी अपने पास कलम नहीं रखते थे।
उन्होंने कहा कि हम दूसरों से कलम मांग लेते थे और फिर उन्हें लौटाना भूल जाते थे। हम (मांगी गई कलम को) कभी अपने पास भी नही रखते थे, लेकिन कहीं भी रख देते थे। बाद में मैंने देखा कि हम दोनों को सामने से आते देखकर कई सदस्य अपनी कलम सामने से निकाल कर बगल की जेब में रख लेते थे।
उनकी इस बात पर सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए और विदाई के समय का भावुक क्षण कुछ देर के लिए खुशनुमा हो गया।