• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Heart of Asia, Pakistan, Terrorism
Written By
Last Modified: रविवार, 4 दिसंबर 2016 (21:36 IST)

हार्ट ऑफ एशिया : पाकिस्तान आतंकवादी ठिकानों को खत्म करे

हार्ट ऑफ एशिया : पाकिस्तान आतंकवादी ठिकानों को खत्म करे - Heart of Asia, Pakistan, Terrorism
अमृतसर। साफ तौर पर पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए 40 देशों के एक सम्मेलन ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने की वकालत की। ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व समुदाय को संदेश दिया कि ‘चुप्पी और कोई कार्रवाई नहीं करने से आतंकवादियों और उनके आकाओं का मनोबल बढ़ेगा।’ 
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान पर करारा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसने तालिबान सहित अन्य आतंकवादी समूहों को समर्थन एवं सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराकर उनके देश के खिलाफ ‘अघोषित युद्ध’ की शुरुआत कर दी है।
आतंकवाद से मुकाबले का मुद्दा इस सम्मेलन में हुई चर्चा के केंद्र में रहा। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ-साथ अमेरिका, रूस और क्षेत्रीय संगठनों सहित अन्य बड़ी शक्तियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
 
ज्यादातर देशों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की वकालत की, जबकि कुछ देशों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अफगानिस्तान की मदद के लिए हाथ मिला लेना चाहिए।
 
पाकिस्तान की तरफ से होने वाले कई आतंकवादी हमलों की पृष्ठभूमि में भारत ने ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन की मेजबानी की। सम्मेलन में दो दिन की चर्चा के बाद अमृतसर घोषणा-पत्र को स्वीकार किया गया, जिसमें क्षेत्र के आतंकवादी पनाहगाहों और सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने और साथ ही आतंकवादी नेटवर्कों के सभी वित्तीय, रणनीतिक समर्थन को बाधित करने की वकालत की गई। (भाषा)
 
 
घोषणा-पत्र में कहा गया,  हम तालिबान, आईएसआईएल..दाएश और इसके सहयोगियों सहित अन्य आतंकवादी संगठनों, हक्कानी नेटवर्क, अल-कायदा, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी, जमात-उल-अहरार, जंदुल्ला तथा विदेशी आतंकी लड़ाकों की ओर से बड़े पैमाने पर की जाने वाली हिंसा के मद्देनजर हम क्षेत्र, खासकर अफगानिस्तान, के सुरक्षा हालात की गंभीरता के प्रति चिंतित हैं।’
 
ऐसा पहली बार हुआ है कि हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के घोषणा-पत्र में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र किया गया है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण एवं स्थिरता के प्रयासों पर चर्चा करना है।
 
घोषणा-पत्र में कहा गया है, ‘हम यह मानते हैं कि क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सहयोग के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। हम अफगानिस्तान सरकार को सहयोग जारी रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रोत्साहित करते हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘हम हार्ट ऑफ एशिया में आतंकी पनाहगाहों को नष्ट करने सहित आतंकवाद के सभी रूपों का खात्मा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जोरदार अपील करते हैं।’ 
 
इसमें कहा गया कि इस सिलसिले में हम सभी देशों से अपनी अपनी राष्ट्रीय आतंक रोधी नीतियों, उनके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद रणनीति 2006 के मुताबिक इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करते हैं।
 
घोषणा-पत्र में कहा गया कि इसके अलावा हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर काम्प्रीहेंसिव कंवेंशन को आमराय से शीघ्र अंतिम रूप दिए जाने को प्रोत्साहित करते हैं। सम्मेलन में अपने संबोधन में मोदी ने आतंकवाद को मात देने के लिए एक ‘ठोस सामूहिक इच्छाशक्ति’ की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान एवं शेष दक्षिण एशिया की शांति एवं सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने आतंकवाद का ‘समर्थन और धन’ मुहैया कराने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाइ्र करने की वकालत की और चेतावनी दी कि चुप्पी और कोई कार्रवाई नहीं करने से आतंकवादियों और उनके आकाओं का मनोबल बढ़ेगा। (भाषा) 
ये भी पढ़ें
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को दिल का दौरा पड़ा, हालत नाजुक