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Last Updated : बुधवार, 19 अप्रैल 2023 (17:08 IST)

दिल्ली में बढ़ाई जाएगी हरियाली, दरवाजों पर मुफ्त उपलब्ध कराएंगे पौधे

दिल्ली में बढ़ाई जाएगी हरियाली, दरवाजों पर मुफ्त उपलब्ध कराएंगे पौधे - Greenery will be increased in Delhi
Delhi Greenery। राष्ट्रीय राजधानी में हरियाली बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार लोगों को उनके दरवाजे पर मुफ्त में छोटे पौधे और गमले उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। शहर के पर्यावरण मंत्री (environment minister) गोपाल राय ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि राय ने कहा कि दिल्ली सरकार हरित क्षेत्र में सुधार के लिए शहरी खेती जैसे वैकल्पिक मॉडल को अपनाने की योजना भी बना रही है।
 
'पीटीआई-भाषा' के साथ साक्षात्कार में राय ने कहा कि पौधारोपण के बाद पौधों की उच्च मृत्यु दर वाली प्रजातियों की पहचान करने और स्थानंतरित किए गए पेड़ों पर मिट्टी व अन्य कारकों के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक टीम गठित की जा रही है ताकि उनकी उत्तरजीविता दर में सुधार किया जा सके।
 
भारत में वनों की स्थिति पर ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हरियाली का दायरा 2019 में 21.88 फीसदी से बढ़कर 2021 में 23.06 प्रतिशत हो गया है। हालांकि राय ने कहा कि दिल्ली सरकार हरित क्षेत्र में सुधार के लिए शहरी खेती जैसे वैकल्पिक मॉडल को अपनाने की योजना बना रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी एक समय के बाद संतृप्ति बिंदु पर पहुंच जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि वन विभाग और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) एक पायलट परियोजना शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत लोगों को उनके घरों तक मुफ्त में पौधे और गमले मुहैया कराए जाएंगे। राय ने कहा कि हम वार्ड-वार सर्वे कर रहे हैं, लोगों से पूछे रहे हैं कि उन्हें किस तरह के पौधे चाहिए। मैंने अपने विधानसभा क्षेत्र (उत्तर-पूर्वी दिल्ली का बाबरपुर) में सर्वे करवाया है। अगर यह परियोजना सफल हो जाती है, तो हम वैकल्पिक हरित क्षेत्र बनाने में सक्षम हो जाएंगे।
 
जैवविविधता विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े पौधों के मुकाबले छोटे पौधों का रखरखाव आसान होता है और उन्हें कम संसाधनों की भी जरूरत पड़ती है। इससे चुनिंदा क्षेत्र में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए छोटे पौधे ज्यादा टिकाऊ विकल्प बनकर उभरते हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि कुछ पौधों की उत्तरजीविता दर बहुत कम होती है और कुछ इलाकों की मिट्टी वृक्षारोपण के अनुकूल नहीं होती है।
 
उन्होंने बताया कि पौधारोपण के बाद खराब उत्तरजीविता दर वाले पौधों की पहचान करने के लिए एक टीम गठित की जा रही है। वन विभाग को पेड़ों की उत्तरजीविता दर पर मिट्टी के प्रभाव का आकलन करने का निर्देश दिया गया है। वन विभाग की ओर से पिछले साल मई में दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश आंकड़ों से पता चला था कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 3 वर्षों में लगाए गए 16,461 पौधों में से महज 33.33 फीसदी ही जीवित बच सके हैं।
 
दिल्ली सरकार की वृक्ष प्रत्यारोपण नीति में कहा गया है कि संबंधित एजेंसियों को अपने विकास कार्यों से प्रभावित होने वाले कम से कम 80 प्रतिशत पेड़ों का प्रत्यारोपण करना होगा। प्रत्यारोपण के एक साल बाद पेड़ों की औसत उत्तरजीविता दर 80 फीसदी दर्ज की गई है।
 
राय ने दावा किया कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने में कामयाब रही है और अब यह पता लगाने के लिए अत्यंत सूक्ष्म स्तर पर काम किया जा रहा है कि कौन-से स्रोत किन परिस्थितियों में प्रदूषण का कारण बन रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने की हमारी कार्य योजना रियल-टाइम स्रोत अध्ययन से मिले इनपुट पर आधारित होगी। दिल्ली सरकार अप्रैल में गर्मी के मौसम में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए 16 सूत्रीय कार्य योजना शुरू करेगी। राय ने यह भी स्वीकार किया कि पड़ोसी राज्यों के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) वाले शहरों में धूल प्रदूषण में कमी लाने के प्रयासों में सुधार हुआ है।
 
उन्होंने कहा कि कई अध्ययनों से पता चलता है कि दिल्ली में लगभग 69 प्रतिशत वायु प्रदूषण उसकी सीमाओं के बाहर से होता है निश्चित रूप से। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने में पड़ोसी राज्यों की भूमिका रही है, लेकिन और अधिक उपाय किए जाने की जरूरत है।
 
राय ने सुझाव दिया कि दिल्ली के पड़ोसी राज्य एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या पर गौर फरमाने के लिए एक समिति गठित करें, क्योंकि एनसीआर से दूर लखनऊ या चंडीगढ़ में बैठे शीर्ष अधिकारी इस समस्या के समाधान की तत्काल आवश्यकता को नहीं महसूस कर पाते हैं। विपक्षी दलों द्वारा बायो-डीकंपोजर को बढ़ावा देने को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि लोगों की मानसिकता बदलने में समय और मेहनत लगती है।
 
उन्होंने कहा कि हमने लोगों को एक समाधान प्रदान किया, लेकिन उन्हें इसके इस्तेमाल के लिए मनाने के वास्ते गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। अगर हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में सक्षम हुए हैं, तो यह इसलिए है, क्योंकि हम जागरूकता पैदा कर रहे हैं और लोगों की मानसिकता बदल रहे हैं। जहां तक बायो-डीकंपोजर की बात है, तो हमने लोगों को ही नहीं, केंद्र सरकार को भी मनाया है।
 
राय ने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण पर बढ़ती आबादी के प्रभाव को कम करने के लिए शहर की सरकार अनधिकृत कॉलोनियों में सभी घरों को सीवर नेटवर्क से जोड़ रही है, सार्वजनिक परिवहन में सुधार कर रही है, ई-वाहनों को बढ़ावा दे रही है और कचरा प्रबंधन में सुधार तथा गाजीपुर, ओखला तथा भलस्वा लैंडफिल में कूड़े के पहाड़ों में कमी लाने के लिए एमसीडी के साथ काम कर रही है।
 
उन्होंने बताया कि सरकार मोहल्ला बस सेवा के माध्यम से अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की दिशा काम कर रही है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा उनकी सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को एकीकृत करने की दिशा में एक उत्कृष्ट प्रयास है। राय ने बताया कि दिल्ली सरकार धूल प्रदूषण को रोकने के लिए सड़कों की स्थिति में सुधार लाने के वास्ते अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta