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Last Updated : बुधवार, 4 जनवरी 2017 (20:37 IST)

पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा, मतगणना 11 मार्च को

पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा, मतगणना 11 मार्च को | Call for elections in five states, counting on March 11
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक 7 चरणों में मतदान होगा, वहीं पंजाब और गोवा में 1 ही दिन 4 फरवरी को मतदान होगा तथा उत्तराखंड में 15 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। मणिपुर में 2 चरणों में 4 और 8 मार्च को मतदान होगा। इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना 11 मार्च को होगी।
चुनाव आयोग की ओर से बुधवार को घोषित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होगा, जबकि उत्तराखंड, पंजाब एवं गोवा में एक चरण में तथा मणिपुर में दो चरणों में मतदान संपन्न होगा। इन पांचों राज्यों में मतगणना एकसाथ 11 मार्च को होगी।
 
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि आयोग इन चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर नजर रखेगा। वैसे माना जा रहा है कि नोटबंदी की वजह से कालेधन के इस्तेमाल में कमी आएगी। जैदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे कि मतदाताओं को लुभाने के लिए दूसरे प्रलोभनों का इस्तेमाल नहीं हो।
 
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में 11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा चार और आठ मार्च को मतदान होगा। पहले चरण में 73 विधानसभा सीटों, दूसरे चरण में 67 सीटों, तीसरे चरण में 69 सीटों, चौथे चरण में 53 सीटों, पांचवें चरण में 52 सीटों, छठे चरण में 49 सीटों और सातवें चरण में 40 सीटों के लिए मतदान होगा।
 
हाल ही में हिंसा का गवाह बने मणिपुर में चार मार्च और आठ मार्च को दो चरणों में मतदान संपन्न होगा। पहले चरण में 38 और दूसरे चरण में 22 सीटों पर मतदान होगा। कांग्रेस की सत्ता वाले इस राज्य में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं।
 
पंजाब और गोवा में चार फरवरी को एकसाथ मतदान होगा तो उत्तराखंड में 15 फरवरी को मतदान होगा। पूरी चुनावी प्रक्रिया 11 जनवरी को पंजाब और गोवा में चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू होगी। 
 
उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) में चल रहे घमासान ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है जहां भाजपा 14 साल के बाद सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। वहीं बसपा और कांग्रेस भी इस चुनाव में अहम चुनौती पेश करेंगे। वैसे राज्य में नए राजनीतिक समीकरणों के आकार से इंकार किया जा सकता। 
 
पंजाब में सत्तारुढ़ अकाली दल-भाजपा गठबंधन लगातार तीसरी बार सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के होने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। राज्य में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं।
 
उत्तराखंड में इस बार भी सत्तारुढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला रहेगा। पिछले साल राज्य में भारी सियासी उठापठक हुई थी और कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन भी लगा था, लेकिन उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस की सरकार फिर बहाल हुई। राज्य में कुल 70 सीटें हैं।
 
गोवा में सत्तारुढ़ भाजपा कुल 40 सीटों में से अधिक से अधिक सीटें जीतकर सत्ता में बने रहने की पुरजोर कोशिश कर रही है तो वहीं राज्य में इस बार आम आदमी पार्टी को नई ताकत के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे यहां अब तक भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला रहा है।
 
पांच राज्यों के कुल 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए होने वाले चुनाव में 16 करोड़ से अधिक लोग भागीदारी करेंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग 1.85 लाख मतदान केंद्र बनाएगा। इन मतदान केंद्रों की संख्या 2012 के चुनाव में बनाए गए मतदान केंद्रों से 15 प्रतिशत अधिक है।
 
उन्होंने कहा, आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव में आ जाएगी तथा यह इन राज्यों में घोषणाओं के संदर्भ में केंद्र सरकार के अतिरिक्त राजनीतिक दलों और संबद्ध राज्य सरकारों पर लागू होगी। जैदी ने कहा कि उम्मीदवारों को अपने सारे चुनावी खर्चे के लिए नया बैंक खाता खोलना होगा और 20000 रुपए से अधिक का खर्च अपने संबंधित खातों से चैक के जरिए करना होगा। 
 
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी चंदा चैक के जरिए ही लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख तथा गोवा और मणिपुर के लिए यह सीमा 20 लाख रुपए होगी।
 
चुनावी चंदे से जुड़े एक सवाल के जवाब में जैदी ने कहा कि आयोग पहले ही सरकार से कह चुका है कि पार्टियों को अघोषित चंदे की अधिकतम सीमा 2000 रुपए की जाए, जो फिलहाल 20000 रुपए है।
 
निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों में लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के लिए पहली बार यह भी अनिवार्य कर दिया है कि उन्हें कुछ भी बकाया नहीं प्रमाण पत्र के रूप में एक अन्य हलफनामा भी देना होगा जिसमें यह घोषणा करनी होगी कि पिछले 10 साल में उन पर बिजली, पानी, टेलीफोन बिल या किसी सरकारी आवास का किराया बकाया नहीं है।
 
पहली बार की गई पहल के तहत निर्वाचन आयोग रक्षाबलों और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों तथा विदेशी मिशनों में तैनात लोगों के सेवा मत ऑनलाइन स्वीकार करेगा। यह कदम पुडुचेरी में सफल प्रयोग के बाद उठाया गया है।
 
इन सवालों पर कि क्या चुनाव आयोग ने चुनावी कार्यक्रम का ऐलान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ में रैली होने का 'इंतजार किया' गया तो जैदी ने कहा कि चुनाव आयोग की अपनी सोच होती है। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक पार्टियों के आग्रह के अनुसार चुनावी कार्यक्रम नहीं बनाता है। 
 
निर्वाचन आयोग मतादाताओं को चुनाव से पहले फोटोयुक्त मतदाता रसीद उपलब्ध कराएगा और रंगीन बुकलेट भी बांटेगा जो मतदाताओं को चुनाव की तारीख, समय और मतदान केंद्रों की जगह तथा 'क्या करें और क्या न करें' के बारे में दिशा-निर्देशित करेगी।
 
चुनाव प्रबंधन में महिलाओं को अधिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते निर्वाचन आयोग इस बार कुछ ऐसे मतदान केंद्र भी बनाएगा जहां का पूरा काम महिला कर्मचारियों के हाथों में होगा। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्र दिव्यांगों के लिए भी अनुकूल होंगे। सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा और ईवीएम पर बने मतपत्र पर पहली बार उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न के साथ उनकी तस्वीर भी होगी।
 
इस बार ईवीएम के चारों ओर लगे घेरे को 30 इंच तक ऊंचा किया जाएगा, ताकि मतदाता की पूरी गोपनीयता सुनिश्चित हो सके और उसके चेहरे के हावभाव के बारे में पता नहीं चले।
 
पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है, जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को और उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को पूरा हो रहा है। इन पांचों राज्यों में कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 अनुसूचित जातियों तथा 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। (भाषा)
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