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Last Updated : मंगलवार, 12 अप्रैल 2022 (14:22 IST)

देवघर रेस्क्यू ऑपरेशन, जांबाजों ने अपनी जान खतरे में डाल 46 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला, रस्सी टूटने से गिरी महिला की मौत

देवघर रेस्क्यू ऑपरेशन, जांबाजों ने अपनी जान खतरे में डाल 46 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला, रस्सी टूटने से गिरी महिला की मौत - devghar rescue operation : 45 people saved after ropeway accident
देवघर। झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट पहाड़ियों को जोड़ने वाली केबल कार में करीब 46 घंटे तक हवा में फंसे 46 पर्यटकों को वायुसेना के 2 MI हेलीकॉप्टरों ने सुरक्षित निकाल लिया है। जांबाजों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर मिशन को अंजाम दिया। हालांकि इस खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन में आज भी एक महिला रस्सी टूटने से नीचे गिर गई। हादसे में महिला की मौत हो गई।
 
वायु सेना, सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है।
 
रविवार की शाम चार बजे ट्रॉली कारों के आपस में टकराने के कारण रोपवे में खराबी आ जाने के बाद, हवा में लटकी केबल कारों से लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। घटना में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक पर्यटक सोमवार को हेलीकॉप्टर से बचाव के प्रयास के दौरान गिर गया था। हादसे में घायल हुए 12 लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
 
बेहद मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन : सूर्यास्त के बाद बचाव अभियान को रोकना पड़ा क्योंकि रोपवे पहाड़ियों से घिरे घने जंगलों से होकर गुजरता है, जहां वायुमार्ग के अलावा दूसरे मार्ग से पहुंचना मुश्किल है। साथ ही जमीन से बचाव अभियान चलाना भी मुश्किल है क्योंकि ट्रॉलियां 1500 फुट तक की ऊंचाई पर लटकी हैं।
 
भारत का  सबसे ऊंचा रोपवे : क्षेत्र में प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद के आश्रम हैं। यहां त्रिकूट पहाड़ियों की कई चोटियां हैं, जिनमें सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2,470 फुट और जमीन से लगभग 1500 फुट की ऊंचाई पर है। त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा रोपवे है। यह लगभग 766 मीटर लंबा है।
 
ड्रोन से पहुंचाया खाना : हवा में लटकी केबल कारों में फंसे लोगों को भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। इससे मुश्किल की घड़ी में लोगों को समय पर खाना मिल गया। हालांकि वे घबराए हुए थे।