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चिंता की बात! आतंकी हिंसा में जम्मू संभाग में मरने वालों का आंकड़ा हुआ दोगुना

kashmir encounter
Terrorist incidents increased in Jammu: यह सबकी चिंता का विषय हो सकता है कि पिछले साल जनवरी महीने से लेकर अब तक होने वाली आतंकी हिंसा में जम्मू संभाग में मरने वालों का आंकड़ा दोगुना हो गया है। और अब चिंता इस बात की है कि अगर जम्मू संभाग आतंकियों के निशाने पर यूं ही बना रहा तो जम्मू संभाग कश्मीर के हिंसा के आंकड़ों से आगे निकल सकता है। यह बात अलग है कि मरने वालों में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों के अतिरिक्त आतंकियों के आंकड़े भी शामिल हैं।
 
दरअसल, अब आतंकियों ने अपना ध्यान कश्मीर से हटा जम्मू पर केंद्रित कर दिया है। बीते दिनों में जम्मू क्षेत्र में कई आतंकी हमले हुए हैं, इसमें कई लोगों की मौत हो गई। यही कारण है कि जम्मू क्षेत्र में जनवरी 2023 के बाद से कश्मीर में आतंकी घटनाओं में नागरिकों और शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। ALSO READ: गृहमंत्री शाह ने की जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा, 16 जून को होगी हाईलेवल मीटिंग
 
आंकड़ों के मुताबिक जम्मू क्षेत्र में जनवरी, 2023 से आतंक की 29 घटनाओं में 42 नागरिक और सुरक्षाकम्रियों की मौत हुई है। जो जनवरी 2023 से कश्मीर में होने वाली ऐसी मौतों की संख्या से लगभग दोगुनी है। दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल से पता चलता है कि 13 जून, 2024 तक कश्मीर के अनंतनाग, श्रीनगर, बारामुल्ला, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिलों में 24 नागरिक और सुरक्षाकर्मी आतंकी हमलों का शिकार हुए हैं। ALSO READ: जम्मू कश्मीर में पहाड़ी मोड़ों पर वाहनों को निशाना बना रहे हैं आतंकवादी
 
कम से 42 लोगों की मौत : आंकड़ों पर एक नजर डालें तो 1 जनवरी, 2023 और 13 जून, 2024 के बीच कश्मीर में 24 की तुलना में जम्मू कश्मीर में कम-से-कम 42 नागरिक और सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है। इसी अवधि के दौरान, राजौरी में 17 नागरिकों की जानें गईं। जबकि पुंछ, राजौरी, कठुआ, रियासी और उधमपुर जिलों में मुठभेड़ों और घात लगाकर किए गए हमलों में 25 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। आतंक संबंधी घटनाओं में कम-से-कम 53 नागरिक और सेना, केरिपुब और जम्मू कश्मीर पुलिस के 29 के जवान घायल हो गए थे। ALSO READ: LOC के पार लॉन्च पैड सक्रिय, घुसपैठ की फिराक में 70 आतंकवादी : जम्मू-कश्मीर के DGP
 
यह भी सच है कि 2012 से जम्मू कश्मीर के रियासी में किसी भी आतंकी घटना में कोई नागरिक या सुरक्षाकर्मी शहीद नहीं हुआ था, लेकिन 9 जून को स्थिति बदल गई। 9 जून को आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की बस पर हमला कर दिया था, जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 41 अन्य लोग घायल हो गए। इससे संकेत मिलता है कि जम्मू पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का नया केंद्र बनता जा रहा है।
 
लोगों के मन में कई सवाल : वहीं, पीर पंजाल रेंज के जंगलों में महीनों तक चले आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगभग एक दर्जन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। अप्रैल 2023 में जब पुंछ में आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया तो 5 सैनिक शहीद हो गए। इस साल 9 जून को तीर्थयात्रियों की बस पर हमले के बाद से आतंकी हमले जारी हैं। यह अब अन्य जिलों में भी तेज हो गए हैं। पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में स्थित जिलों में 29 आतंकी हमले और एंटी टेरर सर्च ऑपरेशन हुए, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक व सुरक्षाबलों के जवान शहीद या घायल हो गए। 
आतंकियों के इन इरादों को देखते हुए लोगों के मन में कई सवाल हैं कि जम्मू क्षेत्र को आतंकी निशाना क्यों बना रहे हैं?
 
जम्मू में आतंकियों की सक्रियता इसलिए ज्यादा : दरअसल, आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र और फंडिंग पर कार्रवाई के कारण कश्मीर में काम करना उनके लिए मुश्किल हो गया है। इसके अलावा पीर पंजाल के जंगल घुसपैठियों के लिए प्राकृतिक छिपने की जगह के रूप में काम करते हैं। 
 
जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर के हिंदू बहुल जम्मू संभाग में आतंकियों का ध्यान शिफ्ट होने की रणनीति तब स्पष्ट हुई, जब आतंकियों ने 2023 के पहले दिन राजौरी के डूंगरी गांव में 5 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में आतंकियों द्वारा लगाए गए बम में ब्लास्ट के कारण 2 बच्चों की मौत हो गई थी। (फाइल फोटो)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala