नई दिल्ली, दुनिया भर में पेयजल का संकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। पेयजल संकट से निपटने में तकनीकी सामर्थ्य बढ़ाने को लेकर वैज्ञानिक-शोध निरंतर किए जा रहे है।
इसी क्रम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अधीन, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में स्थित केंद्रीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई) ने जल-शुद्धीकरण की नई स्वदेशी तकनीकों का विकास किया है। जिन्हें हाल ही में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को व्यावसायिक उत्पादन और वितरण के लिए, हस्तांतरित किया गया है।
जिन सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को ये तकनीक हस्तांतरित की गई है, उनमें टेक्नोकेम कंपनी को हाई फ्लो रेट आर्सेनिक रिमूवल फिल्टर तकनीक, जेनिथ एक्वाटेक कंपनी को डोमेस्टिक आयरन वाटर फिल्टर तकनीक के साथ-साथ डोमेस्टिक फ्लोराइड, आर्सेनिक ऐंड आयरन रिमूवल फिल्टर तकनीक और एचईएस वाटर इंजीनियर्स, इंडिया प्राइवेट लिमेटिड को हाई फ्लो रेट फ्लोराइड ऐंड आयरन रिमूवल फिल्टर तकनीक हस्तांतरित की गई।
इस अवसर सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर हरीश हिरानी ने कहा है कि “पूरी दुनिया पेयजल की कमी से जूझ रही है। सीएसआईआर-सीएमईआरआई सस्ती जल शोधन तकनीक के विकास पर कार्य कर रहा है, जो देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकती है, जहां इन तकनीकों की पहुंच सीमित है।” उन्होंने यह भी कहा है कि इन तकनीकों की सार्थकता तभी है, जब इन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के साथ साझेदारी कर नागरिकों तक पहुंचाया जा सके।
प्रोफेसर हिरानी ने कहा है कि प्रत्येक क्षेत्र में स्थानीय मापदंडों की परिवर्तनशीलता के अनुसार शुद्धि-समाधान विकसित करने की आवश्यकता होती है। इसलिए, सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में गतिशील और प्रभावी बनाने के लिए एक मॉड्यूलर फैशन में डिजाइन की जाती हैं।
सीएमईआरआई की जल-परीक्षण इकाईयों की मदद से किसी स्थान विशेष के जल को संशोधित करने के लिए एक विशिष्ट समाधान तकनीक विकसित की जा सकती है। सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने बिहार में कई क्षेत्रीय जल परियोजनाएं सफलतापूर्वक लागू की हैं।
जेनिथ एक्वाटेक कंपनी से सौरव गांगुली का कहना है कि सीएमईआरआई द्वारा हस्तांतरित, स्वदेशी रूप से विकसित जल शुद्धीकरण तकनीक, कंपनी द्वारा पहले से उपयोग की जा रही आयातित तकनीकों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावी और सस्ती हैं। इसके साथ ही ये तकनीक सीएमईआरआई जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड के आश्वासन के कारण विश्वसनीय और प्रामाणिक हैं।
मैसर्स टेक्नोकेम कंपनी से सुमित मुखर्जी ने कहा कि आयातित प्रौद्योगिकियों की तुलना में सीएमईआरआई की तकनीक सस्ती और टिकाऊ है। इसमें प्रयुक्त सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है, और इसके कम रखरखाव की जरूरत होती है। वाटर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से जतिन आहूजा ने कहा कि बाजार में यह कहा गया कि सीएसआईआर-सीएमईआरआई जल शोधन के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है।
16 वर्षों के बाद बड़े पैमाने पर जल शुद्धीकरण के क्षेत्र में हम यहां सीएसआईआर-सीएमईआरआई के साथ साझेदारी कर रहे हैं। सीएसआईआर-सीएमईआरआई की तकनीक से हमें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, और हम इस प्रगति में लघु उद्योगों को भागीदार बनाने के लिए उत्साहित है।
(इंडिया साइंस वायर)